योगगुरु बाबा रामदेव बोले : अगले 10- 20 साल तक भी नहीं है प्रधानमंत्री मोदी का कोई विकल्प

 

नई दिल्ली। बाबा रामदेव ने इसके अलावा कांग्रेस के राहुल गांधी को सुझाव दिया कि उन्हें त्रियोग करना चाहिए, जबकि पार्टी नेता दिग्विजय सिंह समाधि ले मौन योग करें।
योग गुरु के स्वामी रामदेव ने कहा है कि अगले 10 20 साल तक भी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का कोई विकल्प नहीं है। योग गुरु बाबा रामदेव ने यह बात वर्तमान राजनीति में उभरे बड़े शून्य के दृष्टिगत कहीं। बाबा रामदेव ने एक पत्रकार के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नहीं बल्कि राष्ट्र के भक्त हैं। चूंकि, पीएम देशभक्त हैं, इसलिए वह उनके सहयोगी हैं। मोदी का अगले 10-20 साल तक कोई विकल्प नहीं है। बाबा रामदेव ने इसके अलावा कांग्रेस के राहुल गांधी को सुझाव दिया कि उन्हें त्रियोग करना चाहिए, जबकि पार्टी नेता दिग्विजय सिंह समाधि ले मौन योग करें।


जब उनसे एक पत्रकार ने पूछा कि – क्या देश में मोदी फैक्टर है? तो उनका जवाब आया, “नरेंद्र मोदी के प्रति देश के करोड़ों लोगों में इतना ऊंचा विश्वास है कि उनके दूसरे नंबर का जो राजनीतिक व्यक्ति है, वह हजारों किमी दूर है। फासला आसमान और जमीन का है। सारा देश जानता है कि मोदी को कुछ नहीं चाहिए। उन्हें प्रभु की कृपा से सब कुछ मिला है। वह देश बेच नहीं सकता है। मुल्क से गद्दारी नहीं कर सकता। देश तोड़ नहीं सकता और छोड़ भी नहीं सकता। ऐसा व्यक्ति, जिसका अपने लिए कुछ नहीं है। सब कुछ सिर्फ और सिर्फ मातृभूमि के लिए है।”
बकौल रामदेव, “लोकतंत्र में सबसे बड़ा भरोसा इस समय किस पर है? इस वक्त भारतीय राजनीति में मोदी का कोई विकल्प अभी तक आने वाले 10-20 सालों में मुझे तो दिखता नहीं है। बाकी भगवान के विधान से कोई पैदा हो जाए, तो दोबारा चर्चा कर लेंगे।” ‘आप मोदी भक्त हैं’ इस आरोप पर जब सवाल हुआ, तो उन्होंने कहा- मैं मोदी भक्त नहीं राष्ट्रभक्त हूं। मैं प्रभु, गांव, गरीब, मजदूर, किसान, दलित, शोषित, वंचित, पिछड़ों का भक्त हूं। मैं सेवा करने वाला साधक, योगी और कर्मयोगी हूं, क्योंकि मोदी राष्ट्रभक्त हैं, इसलिए उनका सहयोगी हूं। सबको कहता हूं कि योगी बनो, उद्योगी बनो और अच्छे कामों में सहयोगी बनो। यही वेद का संदेश है। यही मर्म की बात है।
योग गुरु बाबा रामदेव कि इस प्रकार की स्पष्टवादिता से पता चलता है कि वह देश के प्रति समर्पित मोदी के व्यक्तित्व से प्रभावित हैं और वह नहीं चाहते की छद्म धर्मनिरपेक्ष राजनीति करने वाले तथाकथित सेकुलर नेता देश का नेतृत्व करें।

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