यूं ही नहीं मैं इजराइल बन जाता हूं

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इजराइल दुनिया का एकमात्र यहूदी राष्ट्र है तथा इजरायल की यह नीति है कि पूरी दुनिया में अगर कहीं भी कोई भी यहूदी रहता है तो वह इजरायल का नागरिक माना जाएगा।दुनिया के सबसे नए राष्ट्रों में इजराइल राष्ट्र है जिसकी उम्र केवल ६८ वर्ष है।

इजराइल के धर्म के बाद अब बात करते हैं इजरायली राष्ट्रीय भाषा की तो हम बता दें कि इसराइल की राष्ट्र भाषा हिब्रू है तथा हिब्रू के बारे में यह कहा जाता है कि मध्यकाल में हिब्रू भाषा का अंत हो गया था तथा इस भाषा को कोई भी सीखने वाला नहीं बचा था लेकिन इजरायल की स्थापना के बाद राष्ट्र भक्त यहूदियों ने अपनी भाषा हिब्रू को इजराइल अधिकारिक भाषा बनाया और इस प्रकार हिब्रू का पुनःजन्म हुआ। इजराइल की दो अधिकारिक भाषा है,हिब्रू और अरबी।यह अपने भारत की तरह नहीं जिसने अपनी राष्ट्रीय भाषा बोलने में ही शर्म आती है।

इजराइल की कुल जनसंख्या ९० लाख के बराबर है यानी हमारे दिल्ली शहर की जनसंख्या से भी कम तथा २४ इजराइल मिलकर भी उत्तर प्रदेश की जनसंख्या के बराबर नहीं कर सकते, परंतु इजराइल की छाप फिर भी आपको दुनिया के हर हिस्से में तथा हर विषय में मिलती है।
खोखले वोट बैंक के कारण भारत के किसी भी प्रधानमंत्री ने अभी तक इजरायल की कोई यात्रा नहीं की है तथा नरेंद्र मोदी जी भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने सारे वोट बैंक के मिथक तोड़ते हुए इजराइल की यात्रा की।
आज इज़राइल भारत का सबसे घनिष्ठ मित्र देश है,चीन व पाकिस्तान से तनातनी पर इज़राइल ने पूरे विश्व से साफ साफ कह दिया है कि उसके मित्र देश भारत पर कोई भी हमला बर्दाश्त नहीं करेगा।भारत पर यदि चीन पाकिस्तान हमला करेंगे तो उसे इजराइल से युद्ध करना पड़ेगा,युद्ध की स्थिति में वह भारत के साथ खड़ा होगा,इसके लिए वह भारत को बराक मिसाइल दे रहा है , इस मिसाइल का पूरी दुनियां के पास काट नहीं है दुनियाँ की सबसे खतरनाक मिसाइल है जो परमाणु हमला करने में सक्षम है था यह मिसाइल परमाणु हमले को हवा में नष्ट करने की क्षमता रखती है, इजराइल द्वारा भारत को बराक मिसाइल देने की घोषणा के बाद चीन व पाकिस्तान घुटने पर आ गए है, इजराइल कई प्रकार के खतरनाक हथियार भी भारत को दे रहा है, जिससे चीन की मुसीबत ओर परेशानी बढ़ गई है।

अगर हम इजरायल की वायुसेना की बात करें तो इजरायली वायु सेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है।यह वायुसेना इतनी शक्तिशाली है अमेरिका तथा रूस जैसे देश भी इससे डरते हैं।वायुसेना क्षमता के मामले में सिर्फ अमेरिका, रूस इजराइल से आगे हैं।
इज़राइल के मोसाद खुफिया विभाग व उसके कमांडो दुनियाँ के सबसे खतरनाक व खूँखार कमांडो हैं …. उसके मोसाद कमांडो के आगे अमेरिका के सील कमांडो कहीं नहीं ठहरते,उनका पराक्रम व शौर्य देखते ही बनता है,विश्व के सबसे खतरनाक ऑपरेशन के रिकार्ड भी इजराइल के मोसाद कमांडो के नाम है।
इज़राइल चारों ओर मुस्लिम राष्ट्रों से घिरा हुआ है और विश्व के सभी ५८ मुस्लिम देश उससे बहुत भय खाते हैं,सभी ने इजराइल का बहिष्कार कर रखा है।
इज़राइल अपने देश की सुरक्षा से कतई समझौता नहीं करता … वह पलक झपकते ही दुश्मनों को खत्म कर देता है।वह राष्ट्र सुरक्षा के मामले पर विश्व के किसी देश की नहीं सुनता ,यहाँ तक कि संयुक्त राष्ट्र संघ की भी नहीं सुनता ।
इजराइल अपनी बहुत ही कम जनसंख्या व क्षेत्रफल के बावजूद दुनिया के उन दोनो देशों में शामिल है जिनके पास खुद का सेटेलाइट सिस्टम है।इजराइल की सेटेलाइट सिस्टम से जुड़ा एक तथ्य यह भी है कि इजराइल अपने सैटेलाइट किसी भी देश के साथ नहीं बाँटता तथा अपने इन सैटेलाइट की बदौलत ही इज़राइल ड्रोन चलाने की भी क्षमता रखता है।इजराइल दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जो पूर्ण रुप से एंटी बेलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम से पूर्ण है अर्थात इजराइल की पूरी सीमाओं तथा प्रत्येक हिस्से में एंटी बेलिस्टिक मिसाइल लगी हुई है। इसी कारण चारों तरफ अपने शत्रु देशो से घिरे होने के बावजूद भी इजरायल आज तक सुरक्षित है। इजराइल के ऊपर प्रतिदिन अरब देशो के पाले हुए अनेक आतंकवादी संगठन राँकेट से हमला करते हैं, लेकिन सारे रॉकेट इनके डिफेंस सिस्टम के कारण रास्ते में ही नष्ट हो जाते हैं।

अगर हम पर्यावरण की बात करें तो दुनिया का पहला और एकमात्र ऐसा देश है,जिस देश में पिछली सदी की तुलना में इस सदी अधिक वृक्ष है अर्थात इजराइल शक्ति में तो आगे है ही,लेकिन इसके अलावा वह पर्यावरण के मामले में भी बहुत ज्यादा सजग हैं।इजरायली नोटों में ब्रेल लिपि का इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसके नोट को दृष्टिहीन लोग भी पहचान सकते हैं।यह अपनी तरह का पहला ऐसा नोट है। इजराइल के जन्म से ही अनेक मुस्लिम राष्ट्र इसके शत्रु रहे हैं,जिसके कारण यह अभी तक सात बड़ी लड़ाइयां लड़ चुका है तथा एक बार तो इसके ऊपर ७ देशों ने भी हमला कर दिया था, लेकिन उस लड़ाई में भी इजराइल ने ही जीत हासिल की।
सबसे पहला फोन मोटोरोला कंपनी ने इजराइल में ही बनाया था। सबसे पहली पेंटियम चिप माइक्रोसॉफ्ट के लिए इज़राइल में ही बनाई गई थी, तथा पहली वॉइस मेल भी इजराईल में ही विकसित की गई थी।

आपको याद होगा कि जब भी हमारे देश में आतंकवादी हमले होते हैं तो हमारे नेता जिनको हम कहें ‘रीढ़विहीन नेता’ ,वह एक वाक्य बार-बार बोलते हैं कि हम इस आतंकवादी घटना की निंदा करते है, लेकिन इसराइल कभी भी इस तरह की बातें नहीं करता।इजरायल की एक सीधी सिंपल सी पॉलिसी है कि अगर किसी भी राष्ट्र या किसी भी संगठन ने हमारे देश के एक भी नागरिक को मारा तो हम उसे दुनिया के किसी भी हिस्से में ढूंढ कर उसे मार देंगे और हमारे एक नागरिक के बदले उसके ५० नागरिक मारे जाएंगे। इजराइल के बारे में एक विचित्र तथ्य यह भी है कि इजराईल ने आज तक अपने किसी भी दुश्मन को जीवित नहीं छोड़ा।इजराइल के ऊपर हमला करने वाले सभी दुश्मनो की मृत्यु निश्चित है।

भारत का नंबर एक दुश्मन पाकिस्तान भी इसराइल से कितनी घृणा करता है,इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि हर पाकिस्तानी पासपोर्ट पर साफ शब्दों में लिखा होता है कि यह पासपोर्ट इजराइल को छोड़कर कर किसी भी राष्ट्र मे मान्य है ।दुनिया का सबसे पहला एंटीवायरस भी इजराइल में ही बना।सबसे पहला एंटीवायरस इसराइल में १९७९ में बनाया गया था।
#इजराइल में सूअर पालना पूरी तरह से प्रतिबंधित है।ऐसा करने पर आपको जेल भी हो सकती है। इजराइल दुनिया मैं सबसे ज्यादा हीरो की कटिंग और पोलिशिंग का केंद्र भी है।यहाँ पुरी दुनिया में सबसे ज्यादा हीरो की होल-सेल होती है।दुनिया की सबसे छोटी बाइबल भी इज़राइल में बनी है जो केवल ४.१६ मिलीमीटर लंबी चौड़ी है।इजराइल अपनी जनसंख्या की जरूरत के हिसाब से ९५% खाद्यान्न खुद उपजाता जाता है।कृषि उत्पादों के मामले में इजराइल लगभग पूरी तरह से ही आत्मनिर्भर है।इजराइल के लोगों की मेहनत और बुद्धि का एक नमूना आप देखिए कि पिछले २५ सालों में इसराइल के कृषि उत्पादन में ७ गुणा बढ़ोत्तरी हुई है लेकिन पानी पहले जितना प्रयोग किया जा रहा है।इजराइल में लगभग ९०% जनसंख्या सौर ऊर्जा का प्रयोग करती है, जो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है।
व्यवसायिक दृष्टि से भी इसराइल दुनिया में तीसरे स्थान पर है। इजराईल में करीब ३५०० से भी ज्यादा टेक्नोलॉजी कंपनी है जो पूरी दुनिया में सिलिकॉन वैली के बाद दूसरे नंबर पर आती है।इजराइल मिडिल-ईस्ट में बसा हुआ एक छोटा देश है लेकिन इजरायल की मीडिया को पूरे अरब देशों की मीडिया के मुकाबले सबसे ज्यादा आजादी हासिल है।अंत में इजराइल की आक्रामकता एवं देशभक्ति का एक छोटा सा नमूना हम आपको बताते हैं कि १९७२ में जर्मनी के म्यूनीख ओलंपिक गेम्स में फिलिस्तीन के मुस्लिम आतंकवादियों ने १२ इजरायली खिलाड़ियों को मार डाला था, तब तात्कालीन इसराइली प्रधानमंत्री ‘गोल्डा मेयर’ ने न तो इस घटना की निंदा करी और ना ही उन्होंने हमारे देश के घटिया नेताओ की तरह कोई शांति का वक्तव्य दिया बल्कि उन्होंने सारे मृत खिलाड़ियों के घरवालों को फोन करके कहा कि हम इसका बदला देंगे लेंगे तथा इसके बाद उन्होंने अपनी खुफिया एजेंसी ‘मोसाद’ को केवल इतना ही कहा कि दुनिया के किसी भी राष्ट्र किसी भी हिस्से में कोई भी आतंकवादी हो जो इस घटना में शामिल है उन्हें किसी भी तरह मार दो और उन्होंने ऐसा ही किया भी।

आज भारत की जनसंख्या १३५ करोड़ है लेकिन हमारे घटिया मानसिकता वाले नेताओं और फ्री के चक्कर में भाग रही कुछ जनता के कारण इस देश की जो दुर्गति हो रही है वह दुखद है वास्तव में हमें इस इजराइल से ही सीखने की सबसे ज्यादा आवश्यकता है तभी हमारा देश भविष्य में अपना सुनहरा समय देख पायेगा।

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