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एक जगह जब जमा हुए हिटलर, स्टालिन और..

आपको जानकर आश्चर्य होगा, लेकिन ये बात सौ फ़ीसदी सच है। एक शताब्दी पहले ऑस्ट्रिया की राजधानी विएना के एक ही इलाके में एडोल्फ हिटलर, लियोन ट्रॉट्स्की, जोसेफ टीटो, सिग्मंड फ्रॉयड और जोसेफ स्टालिन रहते थे। दुनियाभर की राजनीति को प्रभावित करने वाले इन शख़्सियतों का एक जगह रहना क्या महज़ इत्तेफ़ाक था या कुछ और जनवरी 1913 में एक आदमी विएना के उत्तरी टर्मिनल स्टेशन पर उतरा। उनके पासपोर्ट पर नाम स्टावरोस पापाडोपुलॉस लिखा था। गहरी रंगत वाला यह आदमी किसानों की तरह बड़ी मूंछें रखे हुए था और मामूली लकड़ी का एक बक्सा उनके पास था जिन्होंने इस मुलाकात का जिक्र वर्षों बाद किया है, वह कोई और नहीं लियोन ट्रॉट्स्की थे, जो उस वक्त प्रावदा (सत्य) नाम का अख़बार निकालते थे। उनसे मिलने आनेवाले आगंतुक का नाम स्टावरोस पापाडोपुलॉस नहीं था। बचपन में उनका नाम था विस्सारिनोविच झुगाग्वी। अपने दोस्तों में वह कोबा के नाम से जाने जाते थे और वो थे जोसेफ स्टालिन। ट्रॉट्स्की और स्टालिन उन चंद बड़ी हस्तियों में महज दो नाम थे, जिन्होंने 20 वीं सदी को बनाने या बिगाड़ने में बड़ी भूमिका अदा की। यह एक अलग समूह था। स्टालिन और ट्रॉट्स्की उस समय भगोड़े थे। सिग्मंड फ्रॉयड एक बड़े नाम बन चुके थे। वे बड़े मनोवैज्ञानिक थे, जो विएना शहर के बेर्गासे में रहते और चिकित्सा करते थे। युवा जोसिप ब्रॉज़, जो बाद में युगोस्लाविया के मार्शल टीटो के नाम से जाने गए, विएना के उत्तर में एक शहर में डायमलर ऑटोमोबाइल फैक्टरी में काम करते थे। वे रोज़गार, पैसे और अच्छे समय की तलाश कर रहे थे। इनके अलावा, एक 24 वर्षीय युवा भी था, जो विएना अकेडमी ऑफ फाइन आर्ट्स में पढ़ना चाहता था। उसकी उम्मीदों को दो बार झटका लग चुका था। एडोल्फ हिटलर नामक यह युवा डैन्यूब के पास रहता था। थंडर एट ट्विलाइट में फ्रेडरिक मॉर्टन ने वर्णन किया है कि शायद हिटलर उस वक्त अपने साथियों के साथ नैतिकता, नस्लीय शुद्धता, जर्मन अभियान, यहूदियों आदि पर चर्चा कर रहे होंगे। इन सबके ऊपर शहर के हॉफबर्ग पैलेस में बुजुर्ग बादशाह फ्रांस जोसेफ रहते थे। उनके निर्वाचित प्रतिनिधि आर्कड्यूक फ्रांज़ फर्डिनेंड पास ही में बेल्वेडेरे पैलेस में रहते थे। अगले साल उनकी हत्या के बाद ही प्रथम विश्वयुद्ध भड़का था। 1913 में विएना उस ऑस्ट्रियाई-हंगरी शासन की राजधानी था, जिसमें 15 देश शामिल थे और लगभग पांच करोड़ लोग रहते थे। ऑस्ट्रिया के एकमात्र अंग्रेजी अख़बार विएना रिव्यू के संपादक डार्डिस मैकनमी कहते हैं, ऑस्ट्रिया उस वक्त भले ही विभिन्न विचारों का केंद्र न हो, लेकिन यह लोगों को आकृष्ट तो करता ही था। हालत यह थी कि शहर के बीस लाख बाशिंदों में आधे ही वहां पैदा हुए थे। लगभग एक-तिहाई बोहेमिया (अब पश्चिमी चेक गणराज्य) और मोराविया (अब पूर्वी चेक गणराज्य) से आए थे। उस वक्त इस शहर में करीबन दर्जन भर भाषाएं बोली जाती थीं। तत्कालीन सैन्य-प्रधान जर्मन के अलावा 11 और भाषाओं में निर्देश देते थे। इस अनूठे मेलमिलाप की वजह से एक अलग तरह का सांस्कृतिक वातावरण बन गया था।
1913 इन सर्च ऑफ द वर्ल्ड बिफोर द ग्रेट वॉर के लेखक चार्ल्स एमरसन कहते हैं, उस समय के विएना और अब के विएना में कोई खास फर्क नहीं है। दोनों ही समय कैफे संस्कृति खासी चला करती थी। उस वक्त विएना में सब लोग एक दूसरे को जानते थे। फ्रॉयड की पसंदीदा जगह द कैफे लैंड्टमान अब भी उसी कोने में स्थित है। ट्रॉट्स्की और हिटलर कैफे सेंट्रल में जाया करते थे, जहां केक, अख़बार और सबसे बढ़कर बातचीत का सामान मौजूद रहता था। कोई नहीं जानता कि क्या हिटलर ट्रॉट्स्की से मिले थे, या टीटो स्टालिन से मिले। यह राजकुल 1918 में खत्म हो गया जिसने हिटलर, स्टालिन, ट्रॉट्स्की और टीटो को उन लोगों में बदल दिया, जिन्होंने इतिहास की धारा ही मोड़ दी।
(बीबीसी)

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