बृजेश कुमार वरिष्ठ पत्रकार एक तरफ पांच राज्यों में चुनाव में चुनाव हो रहें तो दूसरी तरफ देश में अर्थव्यवस्था पर संकट के बादल छाये हुये हैं। सरकार नये रोजगार सृजन के साथ साथ उद्योगों को दिशा देने में नाकाम रही है।वहीं दूसरी तरफ कोरोना का दूसरा चरण देश में मुँह फैलाये तेजी से […]
श्रेणी: आर्थिकी/व्यापार
किसी भी देश की आर्थिक नीतियों की सफलता का पैमाना, वहां के समस्त नागरिकों में प्रसन्नता विकसित करना होना चाहिए। कोई भी व्यक्ति सामान्यतः प्रसन्नता तभी प्राप्त कर सकता है जब एक तो जो भी कार्य वह कर रहा है उसमें उसको आनंद की अनुभूति हो रही हो एवं दूसरे उसके द्वारा किए जा रहे […]
कमलेश पांडेय नए वित्त वर्ष से बदलने वाले हैं कौन-कौन से नियम केंद्र सरकार ने पैन को आधार से लिंक करने के लिए 31 मार्च 2021 तक का समय दिया है। इससे पूर्व इसकी आखिरी तारीख 30 जून 2020 थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 31 मार्च तक कर दिया था। लिहाजा, पैन कार्ड को […]
ये किसान बिल किसी के हार जीत का सवाल नहीं है, मै गत कई सालों से इनकमटैक्स दे रहा हूँ, लेकिन न तो इंदिरागांधी, राजीव गांधी, देवेगौड़ा, वाजपेई, मनमोहन सिंह ने कभी मुझसे पूछा : मैं टैक्स के रेट तय कर रहा हूँ, बता तुझे क्या चाहिए ! मैं ही क्यों, करोड़ों लोग टैक्स […]
केंद्र सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को वर्ष 2024-25 तक 5 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर के आकार का बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस लक्ष्य को निर्धारित समय सीमा में प्राप्त करने के लिए, भारत में आर्थिक विकास की दर को 10 प्रतिशत प्रतिवर्ष के ऊपर ले जाने की आवश्यकता होगी एवं आर्थिक विकास […]
दृढ़ निश्चय, सही दिशा में किए गए परिश्रम कार्य के प्रति पूर्ण समर्पण भाव अनुशासन सतत प्रयासों से क्या कुछ हासिल नहीं किया जा सकता? व्यक्ति व्यक्तिगत उन्नति के साथ साथ सामूहिक समृद्धि का भी संवाहक बन जाता है| इन्हीं मानवीय गुणों से कोई भी व्यक्ति अन्य व्यक्तियों के जीवन में आशा सफलता का संचार […]
मुद्रा स्फीति का तेज़ी से बढ़ना, समाज के हर वर्ग, विशेष रूप से समाज के ग़रीब एवं निचले तबके तथा मध्यम वर्ग के लोगों को आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक विपरीत रूप में प्रभावित करता है। क्योंकि, इस वर्ग की आय, जो कि एक निश्चित सीमा में ही रहती है, का एक बहुत बड़ा भाग उनके […]
इतिहास की अगर हम बात करें तो जब भारत में औद्योगिकरण शुरू हुआ तो लगभग 1860-70 में सबसे पहले मारवाड़ के सिंघानिया परिवार इसी ओर अग्रसर हुए। सन् 1921 से लेकर 1937 तक उनके द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उद्योगों का लोकार्पण किया। इसके अतिरिक्त देश के विभिन्न भागों मे मारवाडियों द्वारा सभी बड़े-बड़े उद्योग स्थापित […]
वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए संसद में दिनांक 1 फ़रवरी 2021 को प्रस्तुत किए गए बजट के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 5 फ़रवरी 2021 को मौद्रिक नीति की घोषणा की है। इस वर्ष राजकोषीय नीति को विस्तारवादी बनाया गया है ताकि आर्थिक विकास को गति दी जा सके। केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष […]
1 फ़रवरी 2021 को भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए संसद में बजट पेश किया। यह बजट कई विपरीत परिस्थितियों में पेश किया गया है। कोरोना महामारी के चलते वित्तीय वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार की अर्थप्राप्ति में बहुत कमी रही है। कोरोना महामारी के समय पूरे विश्व में […]