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आओ कुछ जाने आर्थिकी/व्यापार

प्राइवेट बैंकों का कर्जा और उत्पीड़न झेलते मध्यम वर्ग के लोग

रिजवान अंसारी बैंक कर्ज या साहूकारों से मिलने वाले ऋण के सिलसिले में आमतौर पर किसानों और मजदूरों की बदहाली पर चर्चा होती है। इन बहसों के शोर में प्राइवेट बैंक कर्ज के चलते उत्पीड़न झेल रहे मध्यम वर्ग की पुकारें कहीं दबती हुई दिख रही हैं। बैंकों के इस उत्पीड़न की गंभीरता का पता […]

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आर्थिकी/व्यापार

अर्थव्यवस्था के मज़बूत होते संकेतों के बीच भारतीय बैंकों के ग़ैर निष्पादनकारी आस्तियों (एनपीए) में आई कमी

देश के लिए, भारतीय बैंकों के सम्बंध में, अंततः एक अच्छी ख़बर आई है। 30 सितम्बर 2020 को समाप्त अवधि में भारतीय बैंकों के ग़ैर निष्पादनकारी आस्तियों में कमी दृष्टिगोचर हुई है। 31 मार्च 2018 को भारतीय बैंकों में ग़ैर निष्पादनकारी आस्तियां 10.36 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर थीं, जो 30 सितम्बर 2020 को […]

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स्वाभाविक कर नीति और कर ढांचे से इतना डर क्यों?

-प्रो. कुुसुमलता केडिया इस सन्दर्भ में कतिपय तथ्यों को याद कर लेना उचित होगा। अभी जो करों का ढाँचा है, वह दुनियाभर में 100 साल पुराना है। भारत में इंग्लैंड द्वारा भारत में बनाए गए कानूनों की निरंतरता में अधिकांश नीतियाँ जारी रखी गई हैं। यद्यपि ये नीतियाँ इंग्लैंड द्वारा स्वयं अपने देश इंग्लैंड में […]

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1952 के बाद सबसे खराब अर्थव्यवस्था की छाया में पहला बजट

योगेश कुमार गोयल हालांकि आयकर में सुधार की घोषणा करते हुए 75 वर्ष से ज्यादा उम्र के ऐसे बुजुर्गों को आयकर रिटर्न भरने से छूट दी गई है, जिनकी आय का एकमात्र स्रोत पेंशन है। यहां बड़ा सवाल यह है कि इस छूट का लाभ आखिर देश के कितने लोगों को मिलेगा? केन्द्र सरकार के […]

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आर्थिकी/व्यापार

देश की वर्तमान अर्थव्यवस्था की दशा सुधारने में बहुत सहायक होगा यह बजट

ललित गर्ग कोरोना महामारी के कारण चालू वित्त वर्ष में आर्थिक क्षेत्र में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले, लेकिन इन सब स्थितियों के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट के माध्यम से देश को स्थिरता की तरफ ले जाते दिखाई पड़ रहे हैं। भारत भविष्य की आर्थिक महाशक्ति बनने का सपना […]

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आर्थिकी/व्यापार

बहुत ही कठिन परिस्थितियों से निकल रहे देश का बजट

नवीन कुमार पांडे सरकार ने वित्त घाटे की भरपाई के लिए विशेष कोरोना टैक्स लगाने जैसे कदमों से भी परहेज किया है, जिसका अच्छा असर शेयर बाजारों की पॉजिटिव प्रतिक्रिया में देखा जा सकता है। जैसी अपेक्षा थी, कोरोना महामारी से संघर्ष के इस दौर में वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए वित्त […]

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आर्थिकी/व्यापार राजनीति

जब 26 नवंबर 1947 को हुआ था भारत का पहला बजट पेश

साल 2021 का पहला आम बजट पेश हो गया। इस बजट से देश को बड़ी उम्मीद रहीं क्योंकि देश कोरोना महामारी का सामना करते हुए एक बार फिर तेज दौड़ लगाने की तैयारी में है। आजादी के बाद यह पहला मौका बताया जा रहा है जब हर शख्स दबाव में है। वैसे देश का पहला […]

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आर्थिकी/व्यापार

रोज़गार के नए अवसर सृजित करने में सहायक होगा वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट

कोरोना महामारी के समय पूरे विश्व में ही लाखों लोगों के रोज़गार पर विपरीत प्रभाव पड़ा था। भारत भी इससे अछूता नहीं रह सका था एवं हमारे देश में भी कई लोगों के रोज़गार पर असर पड़ा। हालांकि, छोटी अवधि के लिए इस समस्या को हल करने के उद्देश्य से कोरोना महामारी के दौरान, लगभग […]

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आर्थिकी/व्यापार महत्वपूर्ण लेख

बजट में किसानों की खुशहाली का सपना : ऐसे में कैसे होगी किसानों की आय दोगुनी ?

*राष्ट्र-चिंतन* *विष्णुगुप्त* इस बार का केन्द्रीय बजट छह स्तंभों पर आधारित है। पहला स्तंभ है स्वास्थ्य और कल्याण, दूसरा भौतिक-वित्तीय पूंजी, तीसरा समावैशी विकास, चैथा मानव पूंजी का संचार करना , पाचवां नवाचार व अनुंसंधान और छठा न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन। किसानों की खुशहाली की व्यवस्था को केन्द्रीय सरकार अपनी बजट की विशेषताएं बता […]

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आओ कुछ जाने आर्थिकी/व्यापार

व्हाट्सएप गोपनीयता पर प्रश्नचिन्ह क्यों लग रहा है?

डॉ. वेदप्रताप वैदिक अभी भी व्हाट्साप पर स्वास्थ्य-जांच रपटें, यात्रा और होटल के विवरण तथा व्यापारिक लेन-देन के संदेशों को भेजने की खुली व्यवस्था है। ‘फेसबुक’ चाहती है कि ‘व्हाट्साप’ की समस्त जानकारी का वह इस्तेमाल कर ले ताकि उससे वह करोड़ों रुपए कमा सकती है। आजकल व्हाट्साप को दुनिया के करोड़ों लोग रोज इस्तेमाल […]

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