🌹🌹🙏🙏🌹🌹🙏🙏 *🔥घर बना खण्डहर🔥* ************** *एक सेठ जी थे, जो दिन-रात अपना काम-धँधा बढ़ाने में लगे रहते थे। उन्हें तो बस, शहर का सबसे अमीर आदमी बनना था। धीरे-धीरे पर आखिर वे नगर के सबसे धनी सेठ बन ही गए।* *इस सफलता की ख़ुशी में उन्होने एक शानदार घर बनवाया। गृह प्रवेश के दिन, उन्होने […]
श्रेणी: कहानी
एक वरिष्ठ अधिवक्ता के द्वारा सुनाया हुआ एक हृदयस्पर्शी किस्सा – “मै अपने चेंबर में बैठा हुआ था, एक आदमी दनदनाता हुआ अन्दर घुसा। उसके हाथ में कागज़ो का बंडल, धूप में काला हुआ चेहरा, बढ़ी हुई दाढ़ी, सफेद कपड़े जिनमें पांयचों के पास मिट्टी लगी थी।” उसने कहा – “उसके पूरे फ्लैट पर स्टे […]
🏃♀🏃♀🏃♀🏃♀🏃♀🏃♀🏃♀🏃♀🏃♀🏃♀🏃♀ मीराबाई चानू की कहानी है यह। उस समय उसकी उम्र 10 साल थी। इम्फाल से 200 किमी दूर नोंगपोक काकचिंग गांव में गरीब परिवार में जन्मी और छह भाई बहनों में सबसे छोटी मीराबाई चानू अपने से चार साल बड़े भाई सैखोम सांतोम्बा मीतेई के साथ पास की पहाड़ी पर लकड़ी बीनने जाती थीं। […]
आज सोशल मीडिया के बारे में कुछ बातें करते हैं, बहुत से मित्रों के कई प्रश्न हैं इस विषय पर, तो ये दावा तो नहीं है कि सभी के उत्तर दे सकता हूँ लेकिन कुछ बातें अवश्य समझने जैसी हैं। पंचतंत्र से ही बात शुरू करते हैं ब्राह्मण की बकरी को ठगों द्वारा चुराने की […]
शाम हो चली थी.. लगभग साढ़े छह बजे थे.. वही होटल, वही किनारे वाली टेबल, साथ साथ चाय की चुस्की ले रहा था। उतने में ही सामने वाली टेबल पर एक आदमी अपनी नौ-दस साल की लड़की को लेकर बैठ गया। उस आदमी का शर्ट फटा हुआ था, ऊपर की दो बटनें गायब थीं। पैंट […]
🔥कलियुग का लक्ष्मण🔥 *” भैया, परसों नये मकान पे हवन है। छुट्टी (रविवार ) का दिन है। आप सभी को आना है, मैं गाड़ी भेज दूँगा।” छोटे भाई लक्ष्मण ने बड़े भाई भरत से मोबाईल पर बात करते हुए कहा।” क्या छोटे, किराये के किसी दूसरे मकान में शिफ्ट हो रहे हो ?”” नहीं भैया, […]
15 अगस्त और दादी माँ की आशाएं नीरज त्यागी पंकज की दादी 15 अगस्त की सुबह जल्दी से ही तैयार हो गयी थी।जैसा कि उसे मालूम था कि 15 अगस्त पर सभी टीवी के समाचार चैनलों पर भारत देश के सैनिकों को दिखाया जाता है।हर बार की तरह वह भी अपने पोते पंकज की एक […]
आख़िर वजह क्या होती है जो प्रतिभा (टैलेंट) की बलि चढ़ा दी जाती है? अगर सूक्ष्म दृष्टि से देखें तो इसकी शुरुआत जीवन में कुछ कृतघ्न रिश्तेदार और तथाकथित हमारे समाज से ही हो जाती है। जहां एक ओर माँ -बाप अपनी संतान को जन्म देते हैं ये सोच कर कि हमारा बच्चा योग्य ,प्रतिभाशाली […]
पंडित हरि किशन जी घर-घर पूजा-पाठ कर अपने और अपने परिवार का लालन-पालन बड़ी मुश्किलों से कर पाते थे।कभी-कभी किसी-किसी घर से अच्छी दक्षिणा मिलने पर घर पर अच्छा खाना भी बन जाता था।लेकिन कोरोना बीमारी की इन खतरनाक परिस्थितियों में धीरे-धीरे उनके काम में बहुत ही कमी आ गई।आजकल […]
कमल किशोर सोने और हीरे के जवाहरात बनाने और बेचने का काम करता था। उसकी दुकान से बने हुए गहने दूर-दूर तक मशहूर थे। लोग दूसरे शहर से भी कमल किशोर की दुकान से गहने लेने और बनवाने आते थे। चाहे हाथों के कंगन हो, चाहे गले का हार हो, चाहे कानों के कुंडल हो […]