ईसाईयत और इस्लाम विश्व इतिहास को बीते हुए पांच सात हजार वर्ष में समेटकर चलते हैं। इसका कारण ये है कि ईसाईयत और इस्लाम को अपनी जड़ों के स्रोत इतने समय से पूर्व के दिखाई ही नही देते। इसलिए इन विचारधाराओं ने विश्व में सैमेटिक (ईसाईयत और इस्लाम जैसे मजहब) और नॉन सैमेटिक (वैदिक धर्म […]
श्रेणी: भयानक राजनीतिक षडयंत्र
#डॉविवेकआर्य मेरे एक मित्र ने ईसाई मत की प्रचारनीति के विषय में मुझसे पूछा। ईसाई समाज शिक्षित समाज रहा है। इसलिए वह कोई भी कार्य रणनीति के बिना नहीं करता। बड़ी सोच एवं अनुभव के आधार पर ईसाईयों ने अपनी प्रचार नीति अपनाई है। ईसाईयों के धर्मान्तरण करने की प्रक्रिया तीन चरणों में होती हैं। […]
सेवा का भ्रमजाल 24 मई 1931 को वे कलकत्ता आई और धन की उगाही करने के लिए मदर टेरेसा ने अपनी मार्केटिंग आरम्भ करी। उन्होंने कोलकाता को गरीबों का शहर के रूप में चर्चित कर और खुद को उनकी सेवा करने वाली के रूप में चर्चित कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करी। वे कुछ […]
भारत ने जब से ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ की शुरुआत की है, वैश्विक स्तर पर कई देशों, विशेष रूप से चीन, को भारत का यह अभियान रास नहीं आ रहा है क्योंकि अब भारत कई क्षेत्रों में तेजी से आत्मनिर्भर बनता जा रहा है जबकि पूर्व में विभिन्न उत्पादों का आयात इन देशों से किया जाता […]
** विश्व मे ये पहला उदाहरण है। दुनिया चकित है केरल के महाज्ञानी छात्रों के नम्बर देख कर। आज TV पर बताया गया कि केरल बोर्ड से 100% नम्बर लेकर आये 4000से ज्यादा छात्र -छात्राओं ने दिल्ली वि वि मे फार्म भरा। एक ही कॉलेज में। इनमें से इतिहास में 38, भूगोल में 34, गणित […]
* दस करोड़ रोहिंग्या, बांग्लादेशी, पाकी घुसपैठिए निशाने पर क्यों नहीं? =================== आचार्य विष्णु हरि सरस्वती सीमा हैदर से डरता कौन है? सीमा हैदर से भारत की सुरक्षा खतरे में है क्या ? सीमा हैदर को लेकर पाकिस्तान की परेशानी क्या है? क्या पाकिस्तान की आतंकवादी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई की पूरी भारत विरोधी नीति खतरे […]
एक बार गिद्धों का झुण्ड उड़ता-उड़ता एक टापू पर जा पहुँच। वह टापू समुद्र के बीचों-बीच स्थित था। वहाँ ढेर सारी मछलियाँ, मेंढक और समुद्री जीव थे। इस प्रकार गिद्धों को वहाँ खाने-पीने को कोई कमी नहीं थी। सबसे अच्छी बात ये थी कि वहाँ गिद्धों का शिकार करने वाला कोई जंगली जानवर नहीं था। […]
बरखा त्रेहन फर्राटेदार अंग्रेजी, बोलते समय कोई हिचकिचाहट नहीं, धाराप्रवाह हिंदी एवं एक रटी रटाई स्क्रिप्ट जैसे प्यार की कहानी आदि, और भारत का मीडिया, ऐसा लग रहा है जैसे कोई फिल्म चल रही हो और लोग उसे देख रहे हों। मगर यह फिल्म नहीं है, यह सत्यता है और भारत की मीडिया तो जैसे […]
आजकल सोशल मीडिया और यू-ट्यूब में राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अतिसंवेदनशील बिन्दु पर बड़ी चर्चा चल रही है कि पाकिस्तान में अपनी भूमि बेच कर लगभग दस लाख रुपये के सहारे एक युवती अपने चार नाबालिग बच्चों के साथ दुबई से नेपाल होते हुए नेपाल-भारत सीमा को लांघ कर भारत में अवैध रूप से […]
ललित गर्ग राजनीतिक प्रतिस्पर्धा को हिंसक प्रतिस्पर्धा में नहीं बदला जा सकता, लोकतंत्र का यह सबसे महत्वपूर्ण पाठ पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस एवं अन्य राजनीतिक दलों को याद रखने की जरूरत है। पश्चिम बंगाल में इन दिनों पंचायत चुनाव के दौरान व्यापक हिंसा देखने को मिली, इससे पूर्व वर्ष 2013 और 2018 के पंचायत […]