अमरीकी विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप खुश रहते हैं तो हृदय से जुड़ी समस्याओं से बचे रह सकते हैं। साइकोलॉजिकल बुलेटिन में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक खुश और आशावादी लोगों को हृदय रोग और दिल का दौरा पडऩे का जोखिम कम रहता है। हावर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ ने 200 से ज्यादा अध्ययनों […]
श्रेणी: राजनीति
इस देश की स्वतंत्रता के साथ सबसे बड़ा छल करने वाले व्यक्ति का नाम पंडित नेहरू है, जो देश के दुर्भाग्य से इस देश का प्रथम प्रधानमंत्री कहलाया। संविधान सभा में पंडित नेहरू अकेले ऐसे व्यक्ति थे जो इस देश में अंग्रेजी को बनाये रखने के लिए प्रतिबद्घ थे। संविधान सभा के सदस्यों की संम्मति […]
समाज में आज तमाम विध्वंसात्मक तथा परस्पर सामाजिक वैमनस्य फैलाने वाली वह शक्तियां भी सक्रिय देखी जा सकती हैं जो हमारी सांझी तहज़ीब पर अपनी दिकयानूसी व रूढ़ीवादी विचारधारा थोप कर केवल अपनी ही बात को मनवाने व उसे सर्वोच्च रखने का प्रयास करती हैं। विभिन्न धर्मों व संप्रदायों में ऐसे समाज विभाजक तत्व सक्रिय […]
20 मार्च को मेरे पास एक रिपोर्ट आई कि भारतीय सेना देश में सैनिक क्रांति करना चाहती है। जो सज्जन मेरे पास यह ख़बर लेकर आए, उनसे मैंने पूछा कि इस ख़बर का स्रोत क्या है। जब उन्होंने मुझे स्रोत बताया तो मेरी समझ में आ गया कि यह देश के खि़लाफ़ बहुत सोची-समझी साजि़श […]
मृत्यु का क्षण, कितना दार्शनिक होता है? आदर्श और यथार्थ का यह कितना कठोर संगम है? मृत्यु का शाश्वत सत्य सभी को एक न एक दिन भीगी आंखों से स्वीकार करना पड़ता है। रूप श्रंृगार और सृजन अपनी कहानी चिता के किनारे छोडक़र चले जाते हैं। लगता है, संसार के सारे संबंधों की गति यहीं […]
अपने बजट में ग्रामीण भारत के लिए जितनी घोषणाएं वित्त मंत्री ने की है वह अभी अपर्याप्त है परन्तु फिर भी कुछ हद तक स्वागत योग्य है लेकिन यह भी कड़वा सच है आने वाले समय में महंगाई की मार से आम आदमी फिर से और त्रस्त होगा क्योंकि वित्त मंत्री द्वारा सेवा कर में […]
सैन्य तख्ता पलट संबंधी इँडियन एक्सप्रेस की खबर ने एक नया बवाल खड़ा कर दिया है। बवाल का एक पक्ष यह है कि भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों में साठ सालों से विश्वास करने वाली भारतीय सेना ने जनवरी माह में तख्ता पलट करने की कोशिश की थी। बवाल का दूसरा पक्ष यह है कि एक केंद्रीय […]
अभी अभी हम ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और साउथ अफ्रीका) की आर्थिक मोर्चेबंदी की सुर्खियों को पढ़ पढक़र मगन हो रहे थे और भारत चीन के संबंधों की नई-नई संभावनाएं तलाश रहे थे। लेकिन ब्रिक्स की प्रगति पर चीन ने जल्दी ही ब्रेक्स लगा दिये हैं। चीन ने भारत की आर्थिक मोर्चे पर हो […]
इतिहास साक्षी है कि न्यायधर्म व मानवता को छोडकर विद्वेषपूर्ण शत्रुता की भावना से बनाई गयी कुटनीति कुछ काल के पश्चात चलाने वालों की भी मौत का कारण बनती है। दूसरों का धन, मान, जीवन, चरित्र तथा संस्थाओं के हत्यारे एक दिन एक दूसरे के ही सुख शांति तथा संपदा के हत्यारे बन जाते हैं। […]
-बालेन्दु शर्मा दाधीच इंटरनेट के मुद्दे पर भारत गलत कारणों से चर्चा में है। दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने फेसबुक, गूगल और एमएसएन जैसे इंटरनेट दिग्गजों को यह निर्देश देने की (नाकाम) कोशिश की है कि उनकी साइटों पर जाने-माने लोगों (राजनेताओं), समुदायों (धार्मिक गुटों) आदि के बारे में कोई ‘आपत्तिजनक सामग्री’ दिखाई नहीं देनी […]