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इतिहास के पन्नों से

महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि पर

आज महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि है । शेरे – पंजाब के नाम से विख्यात सिख सम्राज्‍य के संस्‍थापक, पंजाब के महाराज और जमन शाह को नानी याद दिलाने वाले महाराजा रणजीत सिंह का भारतीय इतिहास में गौरवपूर्ण स्थान है । उनका जन्म 13 नवंबर 1780 को हुआ था। जब वह 12 साल के थे, […]

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स्वर्णिम इतिहास

14 जून की एक विशेष घटना

14 जून 1033 की घटना है । जब भारत पर महमूद गजनवी के भांजे सालार मसूद ने 11 लाख की सेना लेकर भयंकर आक्रमण किया था । स्पष्ट है कि 11 लाख की सेना सेना नहीं होती , अपितु एक ऐसा भयंकर तूफान होता है जिसके सामने किसी का भी रुकना असंभव होता है , […]

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स्वर्णिम इतिहास

रानी दुर्गावती के बलिदान दिवस 24 जून पर

आज गढ़मंडल ( गोंडवाना ) की रानी दुर्गावती का बलिदान दिवस है। घटना 24 जून 1564 की है । जिस समय मुगल शासक अकबर का राज्य था। रानी के पति दलपतशाह का देहांत हो चुका था। पुत्र नारायण अभी नाबालिग था । ऐसी स्थिति को देखकर अकबर की कोप दृष्टि रानी के राज्य पर लग […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

भारत का कौन सा भाग कितनी देर परतंत्र या स्वतंत्र रहा

भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास भाग-206 एक शोधपूर्ण प्रशंसनीय ग्रंथ मध्य प्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी द्वारा ‘भारत हजारों वर्षों की पराधीनता एक औपनिवेशिक भ्रमजाल’ में बड़े शोधपूर्ण ढंग से हमें बताया गया है कि भारत के विभिन्न क्षेत्रों पर मुस्लिम और ब्रिटिश शासन की अवधि कितने समय तक रही? इस सारणी को […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

कंपनी के प्रति शिवाजी महाराज की देशभक्ति पूर्ण नीति

कंपनी के अत्याचारों का वर्णन कंपनी भारत में केवल लूट मचाने और अपनी भूख मिटाने के लिए आयी थी। उसके पास भारत के विषय में कोई संस्कार नहीं था, कोई विचार नहीं था कोई उपचार नहीं था। डा. रसेल लिखता है-”ईस्ट इंडिया कंपनी के भारतीय शासन को आरंभ से ही जबरदस्त पापों ने रंग रखा […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

अंग्रेजों ने राष्ट्रवाद और देशभक्ति को भारतीयों से सीखा

आरंभिक दिनों में अंग्रेजों की भारत में स्थिति प्रो. केडिया की पुस्तक ‘रूट्स ऑफ अण्डर डेवलपमेंट’ से हमें ज्ञात होता है कि जिस समय महारानी एलिजाबेथ के पत्र के साथ उसका प्रतिनिधि अकबर से (सन 1600 ई. में) मिला था, उस समय उसने बादशाह को 29 घोड़े भी उपहार स्वरूप भेंट किये थे। बादशाह ने […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

अंग्रेजों के अत्याचारों को उन्हीं के विद्वानों ने एक अभिशाप माना

‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ के नाम का रहस्य जिस समय मुगल साम्राज्य अपने चरमोत्कर्ष पर था। उसी समय भारत में अंग्रेजों और कुछ अन्य यूरोपियन जातियों का आगमन हुआ। सन 1600 में भारत में अकबर का शासन था, तभी ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ की स्थापना हुई। इस कंपनी को ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ इसलिए कहा गया कि कोलंबस ने […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

शंकराचार्य ने हमारे ब्रह्मतेज बल को कभी निस्तेज नहीं होने दिया

राजपूत शब्द ‘क्षत्रिय’ का सूचक राजपूत शब्द किसी जाति का सूचक नहीं हैं। यह उस वर्ण का सूचक है जिसे मनु महाराज ने ‘क्षत्रिय’ कहा है। इस प्रकार राजपूत शब्द के अंतर्गत सारे क्षत्रिय कुल और राजवंश समाहित हो जाते हैं। ‘अलबेरूनी का भारत’ के लेखक अलबेरूनी ने भारत में कहीं पर भी राजपूत जाति […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

हमारे गोत्र हमें आज भी गौरवबोध और इतिहासबोध कराते हैं

गोत्रों में छिपा है हमारा गौरवभाव  भारत की गोत्र परंपरा भी अनूठी है। प्रत्येक गोत्र की उत्पत्ति किसी वीर क्षत्रिय से या किसी महाविद्वान के नाम से हुई है। अपने पूर्वजों के नाम को अमर बनाये रखने तथा उनके उल्लेखनीय कृत्यों की गौरवगाथा को अपने हृदय में श्रद्घा पूर्ण स्थान दिये रखने की भावना के […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

शम्भाजी राजाराम और शाहू बने छत्रपति की विरासत के स्वामी

हमारा राष्ट्रीय जीवन और व्यक्तिगत जीवन हमारे व्यक्तिगत जीवन की भांति हमारा एक राष्ट्रीय जीवन भी होता है। जैसे हम व्यक्तिगत जीवन में कभी अपने शुभकार्यों के परिणाम के आने पर प्रसन्नता और अशुभकार्यों के परिणाम के आने पर अप्रसन्नता प्रकट करते हैं, वैसे ही हमारे राष्ट्रीय जीवन में भी कभी-कभी ऐसे क्षण आते हैं-जब […]

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