मैं संन्यासी हूं तो क्या हुआ? बात 1957 की है। आर्य समाजी नेता महाशय कृष्ण धर्मशाला की कारागार में बंदी का जीवन यापन कर रहे थे। उनके सुपुत्र वीरेन्द्र और महात्मा आनंद स्वामीजी भी उन्हीं के साथ बंदी बनाकर रखे गये थे। महाशय कृष्ण अब वृद्घ हो चले थे, इसलिए कोई न कोई व्याधि उनका […]
Category: इतिहास के पन्नों से
—————————————— अध्याय — 11 ” वीर बनकर लड़ो ” जैसा कि हमारे अन्य कितने ही इतिहास पुरुषों के साथ अन्याय करते हुए इतिहासकारों ने उनके विषय में भ्रामक तथ्यों का समावेश भारतीय इतिहास में करने का पाप किया है , वैसा ही हमारे इस महानायक बंदा वीर बैरागी के बारे में भी किया गया है […]
बात 1857 की क्रांति के समय की है । उस समय इटावा का कलेक्टर ए ओ ह्यूम था । इटावा के क्रांतिकारी इटावा के पास जसवंतनगर में मोर्चा ले रहे थे । चारों ओर क्रांतिकारियों की प्रबलता थी। ‘ हर हर महादेव ‘ की गूंज और ‘ भारत माता की जय ‘ के नारे जब […]
भारत के स्वतंत्रता को जलाने में क्रांतिकारी महिलाओं ने अपना बलिदान दिया , उनमें बंगाल की मातंगिनी हाजरा का नाम अग्रगण्य है, जिनकी आज जयंती है । मातंगिनी हाजरा का जन्म 19 अक्टूबर 1870 को पूर्वी बंगाल (वर्तमान बांग्लादेश) मिदनापुर जिले के होगला ग्राम में एक अत्यन्त निर्धन परिवार में हुआ था। जब वह 12 […]
========== बाल्मीक रामायण का इस देश के जनमानस पर व्यापक प्रभाव है। राम को हुए 8.70 लाख से अधिक वर्ष व्यतीत हो चुके हैं परन्तु ऐसा लगता है कि यह कुछ ही दिनों पूर्व की बात हो। बहुत से लोगों ने रामायण को नहीं पढ़ा होता परन्तु वह राम के जीवन की अधिकांश घटनाओं को […]
=========== महर्षि दयानन्द को सत्यार्थप्रकाश लिखने की आवश्यकता इस लिये पड़ी थी कि उनके समय में वेद एवं वैदिक शिक्षाओं का लोप हो चुका था और यदि कहीं कुछ बचा हुआ था तो वह भी लुप्त होता जा रहा था। वैदिक धर्म एवं संस्कृति की रक्षा के साथ सत्य की प्रतिष्ठा और असत्य के त्याग […]
पिछले दिनों देश के गृहमंत्री अमित शाह ने कई बार यह कहा है कि कश्मीर धारा 370 को लगवाने और कश्मीर का अंतरराष्ट्रीय करण कर इस समस्या को उलझाने का पाप देश के पहले प्रधानमंत्री और कांग्रेस के नेता रहे पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया था । यदि हम इतिहास के तथ्यों की समीक्षा करें […]
जब जब मां भारती को बलिदानों की आवश्यकता पड़ती है तो इसकी सुरक्षा और संरक्षा के लिए इसके अनेकों सपूत बलिवेदी पर कूद पड़ते हैं । हमारे देश ने यज्ञ की परंपरा का आविष्कार ऐसे ही नहीं किया इसने राष्ट्रवेदी को भी एक यज्ञ कुंड के समान समझा है और राष्ट्र के मूल्यों की रक्षा […]
नेहरु जी ने बिना सोचे समझे और बिना सरदार पटेल से किसी प्रकार की वार्ता किये भारतीय संविधान की आपत्तिजनक धारा 370 को उसमें रखवा दिया था। इसे शेख अब्दुल्लाह से परामर्श करके पंडित नेहरू ने अपनी स्वीकृति प्रदान की और गोपाल स्वामी आयंगर द्वारा तैयार कराया गया । उस समय नेहरू अमेरिका की अपनी […]
अध्याय —– 8 पंजाब में आकर करने लगा पुरुषार्थ गुरु गोविंदसिंह जी और बंदा वीर बैरागी जो उस समय माधोदास के नाम से गोदावरी के तट पर अपना आसन लगाए पंचवटी में बैठे थे , की भेंट कैसे हुई ? – इस पर अपने विचार प्रकट करते हुए भाई परमानंद जी ने अपनी पुस्तक ‘ […]