Categories
महत्वपूर्ण लेख

भारत में लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरे का संकेत दे रहे हैं : लगातार महंगे होते जा रहे चुनाव

ललित गर्ग -ललित गर्ग- चुनाव जनतंत्र की जीवनी शक्ति है। यह राष्ट्रीय चरित्र का प्रतिबिम्ब होता है। जनतंत्र के स्वस्थ मूल्यों को बनाए रखने के लिए चुनाव की स्वस्थता, पारदर्शिता और उसकी शुद्धि अनिवार्य है। चुनाव की प्रक्रिया गलत होने पर लोकतंत्र की जड़े खोखली होती चली जाती हैं। चुनाव प्रक्रिया महंगी एवं धन के […]

Categories
भारतीय संस्कृति महत्वपूर्ण लेख स्वर्णिम इतिहास हमारे क्रांतिकारी / महापुरुष

वनवास में रहे प्रभु श्री राम वनवासीयों के ज़्यादा क़रीबी थे

यह एक एतिहासिक तथ्य है कि प्रभु श्री राम ने लंका पर चढ़ाई करने के उद्देश्य से अपनी सेना वनवासियों एवं वानरों की सहायता से ही बनाई थी। केवट, छबरी, आदि के उद्धार सम्बंधी कहानियाँ तो हम सब जानते हैं। परंतु, जब वे 14 वर्षों के वनवास पर थे तो इतने लम्बे अर्से तक वनवास […]

Categories
देश विदेश महत्वपूर्ण लेख

किसने बनाया चीन को भारत का पड़ोसी, भाग – 3

लेखिका:- प्रो0 कुसुमलता केडिया 5 अप्रैल 1952 को चाउ एन लाई ने नेहरू जी के (भारत सरकार के) राजदूत से कहा कि हमें तिब्बत में अपनी सेनाओं के लिये खाद्यान की आपूर्ति के लिये भारत पर निर्भर रहना पड़ेगा। हम चाहते हैं कि भारत इस मामले में हमारी सहायता करे। पणिक्कर ने नेहरू को यह […]

Categories
देश विदेश महत्वपूर्ण लेख

किसने बनाया चीन को भारत का पड़ोसी , भाग – 2

लेखिका :- प्रो. कुसुमलता केडिया प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1949 ईस्वी के अक्टूबर तक तिब्बत को लगातार एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में देखा और पत्राचार किया। स्तालिन के संकेत पर जब उन्होंने एशियाई मैत्री सम्मेलन बुलाया तो उसमें स्वतंत्र तिब्बत राष्ट्र का प्रतिनिधि मंडल भी आमंत्रित हुआ। प्रतिनिधि मंडल को भारत के प्रधानमंत्री ने […]

Categories
देश विदेश महत्वपूर्ण लेख

किसने बनाया चीन को भारत का पड़ोसी – 1

लेखिका :- प्रो. कुसुमलता केडिया जैसा मैंने पूर्व के अपने उद्बोधनों मंे बताया है, हुआंगहुआ, जिसे विगत 100 वर्षों से यूरोप के लोगों ने पहली बार भारत के द्वारा प्राचीन काल से प्रयुक्त चीन शब्द को ग्रहण कर ‘चाईना’ कहना शुरू किया है और जिसे वे पहले ‘कैथे’ और ‘सेरे’ कहते रहे हैं, प्रशांत महासागर […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

महबूबा का दर्द या धारा 370 की आड़ में देशविरोधी सियासत ?

  सज्जाद हैदर  कश्मीर के युवाओं को एपीजे कलाम जैसे राष्ट्रनायकों को अपना आदर्श बनाना होगा   गाजियाबाद । वाह रे सियासत तेरे रूप हजार। सत्ता की चाहत में राजनेता क्या-क्या नहीं कर गुजरते। सत्ता की चाहत और कुर्सी की लालच में राजनेता सबकुछ कर गुजरने को तैयार रहते हैं। इसका एक ताजा रूप कश्मीर […]

Categories
डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से महत्वपूर्ण लेख

मानवतावादी और पंचशील सिद्धांत को मान्यता देने वाली रही है भारत की विदेश नीति

  भारत सात्विक चिन्तन का देश है । सात्विकता उसकी अंतश्चेतना का वह मौलिक तत्व है जो उसे व्यष्टि से समष्टि तक के प्रति समर्पित रहने के लिए प्रेरित करती है। इस सात्विकता से उद्भूत सहिष्णुता भारत का वह गुण है जो उसे सम्पूर्ण संसार का सिरमौर बनाने की क्षमता रखता है । संसार में […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

भारत को अटल टनल के मिलेंगे दूरगामी लाभ

– योगेश कुमार गोयल रोहतांग में समुद्र तल से करीब 10 हजार फीट की ऊंचाई पर बनाई गई ‘अटल टनल’ आखिरकार 10 वर्षों के भीतर बनकर तैयार हो गई है। गत वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के पश्चात् उनके सम्मान में केन्द्र सरकार द्वारा दिसम्बर 2019 में सुरंग का नाम ‘अटल सुरंग’ […]

Categories
डॉ राकेश कुमार आर्य की लेखनी से देश विदेश महत्वपूर्ण लेख

भारत की विदेश नीति और मानवतावाद

इतिहास और विदेश नीति का चोली – दामन का साथ है । किसी भी देश के पड़ोसी देशों से उसका पुराना सम्बन्ध होना स्वभाविक है। जहाँ तक भारत की विदेश नीति और इतिहास की बात है तो भारत के लगभग सभी पड़ोसी देश कभी न कभी भारत के ही अंग रहे हैं । इस दृष्टिकोण […]

Categories
महत्वपूर्ण लेख

सबका साथ सबका विकास – समान नागरिक कानून द्वारा ही संभव

आर.बी.एल.निगम, वरिष्ठ पत्रकार भारत में समस्त राजनीतिक पार्टियां ही जब संविधान का मजाक बना रही हो, फिर किसी को दोष क्यों? चुनावों में देखो धर्म, मजहब और जाति के नाम पर टिकट दिए जाते हैं, क्यों? हर पार्टी ने अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ बनाए हुए हैं, क्यों? जब पार्टियां स्वयं जनता में विभाजन कर रही हैं, फिर […]

Exit mobile version