पुण्य प्रसून वाजपेयी एक बुलेट ट्रेन चाहिये या 800 राजधानी एक्सप्रेस ? 9 कोच की बुलेट ट्रेन की कीमत है 60 हजार करोड़ और 17 कोच की राजधानी एक्स प्रेस का खर्च है 75 करोड़। यानी एक बुलेट ट्रेन के बजट में 800 राजधानी एक्सप्रेस चल सकती हैं। तो फिर तेज रफ्तार किसे चाहिये और […]
श्रेणी: महत्वपूर्ण लेख
1.खुद की कमाई से कम खर्च हो ऐसी जिन्दगी बनायें,2. दिन मेँ कम से कम 3 लोगो की प्रशंशा करें,3. खुद की भुल स्वीकार ने मेँ कभी भी संकोच मत करें,4. किसी के सपनो पर कभी भी न हंसें,5. अपने पीछे खड़े व्यक्ति को भी कभी आगे जाने का मौका दें,6. रोज हो सके तो […]
डॉ0 वेद प्रताप वैदिक कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जनता दल (एस) के नेता एचडी कुमारस्वामी की यों तो सब निंदा करेंगे, क्योंकि उन्होंने एक विधान परिषद उम्मीदवार से 40 करोड़ रुपए मांगे थे। अखबार वाले और टीवी वाले इस कन्नड़ नेता के पीछे पड़ गए हैं लेकिन अपने विरुद्ध हो रहे प्रचार से कुमारस्वामी […]
विशाल गोलानी मित्रों यह अनुपम कथा उस पराक्रमी योद्धा की है, जिसने हिन्दू स्वराज के सूर्य छत्रपति शिवाजी महाराज की रक्षा में अपने प्राणों की बाज़ी लगा दी | केवल 300 जवानों के साथ उसने 10 गुना फ़ौज को रोके रखा,जब तक शिवाजी राजे सुरक्षित स्थान पर नहीं पहुँच गए |उस वीरवर का नाम था […]
नीतू सिंह की कलम से विश्व में कहीं भी इस्लाम का आंतकवाद होता है, उनकी हिट सूची में भारत का नाम अवश्य होता है। पाक आंतकवादियो का तो जन्मजात अधिकार है, पर अभी वर्तमान में इराक जो आंतकवादियों का खेल चल रहा है. उनकी हिट लिस्ट में भी भारत का नाम है इससे पहले देखे […]
डॉ0 वेद प्रताप वैदिक पिछले दिनों मुझे लगभग 20 दिन तक पाकिस्तान में रहने का मौका मिला। मेरी भेंट प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और विदेश मंत्री सरताज अजीज के साथ तो हुई ही, पाकिस्तान के अनेक शीर्ष फौजियों, कूटनीतिज्ञों, विशेषज्ञों और पत्रकारों से भी हुई। पाकिस्तान के पंजाबी, सिंधी, पठान और बलूच प्रांतीय नेताओं से भी […]
विश्व हिन्दू परिषद की केन्द्रीय प्रबन्ध समिति की बैठक पिछले दिनों हिमाचल प्रदेश में ज्वालामुखी के स्थान पर हुई । हिमाचल प्रदेश में परिषद की यह बैठक लगभग अढाई दशकों बाद हो रही थी । १९९१ में ऐसी ही एक बैठक शिमला में हुई थी । लेकिन इस बार की यह बैठक बदले हुये विश्व […]
डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ हमारी बहन-बेटियों को दहेज उत्पीड़न के सामाजिक अभिशाप से कानूनी तरीके से बचाने और दहेज उत्पीड़कों को कठोर सजा दिलाने के मकसद से संसद द्वारा सम्बंधित कानूनी प्रावधानों में संशोधनों के साथ भारतीय दण्ड संहिता में धारा 498-ए जोड़ी गयी थी। मगर किसी भी इकतरफा कठोर कानून की भांति इस कानून […]
-डा० कुलदीप चन्द अग्निहोत्री भारत की जनता ने लोक सभा के चुनावों में जो जनादेश दिया है उससे बुद्धिजीवियों के उस समुदाय में खलबली मची हुई है जो अब तक इस देश के जनमानस को सबसे बेहतर तरीक़े से समझने का दावा करता रहा है । बुद्धिजीवियों का यह समुदाय कैसे निर्मित हुआ , इस […]
उमेश उपाध्याय“धर्म निरपेक्षता” शब्द ही सही नहीं है। पश्चिमी देशों में चर्च को राज्य और शासन से अलग करने के संदर्भ में “सेकुलरवाद” की सोच आई। मगर उसे “धर्मनिरपेक्ष” कहकर पश्चिम प्रेरित भारतीय बुद्धिजीवियों ने उसका अनर्थ ही कर डाला। जिसकी व्याख्या राजनेताओं ने सिर्फ अल्पसंख्यकों को भरमाने के लिए की है।कॉंग्रेस के वरिष्ठ नेता […]