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खुदीराम बोस:एक बालक्रांतिकारी

नाम -खुदीराम बोस जन्म- 1889 स्थान- मिदनापुर काम- ऐलाने इंकलाब शहीदी दिवस-11 अगस्त 1908 प्रात: स्मरणीय युवा शहीद श्री खुदीराम बोस जो की 18 साल की उम्र में हँसते हुए देश की आजादी के लिये अपने आप को कुर्बान कर दिया श्री बोस भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सबसे कम उम्र के क्रान्तिकारियों में से एक […]

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जब अपने बनकर लोगों ने हमें धोखा दिया

1 -मुहम्मद गौरी ने 17 बार कुरआन की कसम खाई थी कि भारत पर हमला नहीं करेगा, लेकिन हमला किया । 2 -अलाउद्दीन खिलजी ने चित्तौड़ के राणा रतन सिंह को दोस्ती के बहाने बुलाया फिर क़त्ल कर दिया । 3 -औरंगजेब ने शिवाजी को दोस्ती के बहाने आगरा बुलाया फिर धोखे से कैद कर […]

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स्वतंत्रता दिवस: इन 15 चीजों से खुद को करें आजाद

प्रीति सोनी आजादी की 69 वर्षगांठ को पूरा भारत उत्साह के साथ मना रहा है…. क्यों न आप भी अपनी व्यक्तिगत आजादी को पहचानकर उसका उत्सव मनाएं। व्यक्तिगत आजादी के लिए जरूरी है, आपका कुछ चीजों से आजाद होना और कुछ चीजों को खुद से आजाद करना। तभी तो मनाया जा सकेगा सच्ची आजादी का […]

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1857 के संघर्ष के क्रांतिकारी परिणाम रहे थे

इस क्रांति को तो अंग्रेजों ने बड़ी ही बर्बरता से कुचल डाला, लेकिन इस क्रांति ने आने वाले दिनों के लिए भारतीय अवाम को एक नई दिशा दी। जवाहरलाल नेहरू ने भी इस क्रांति की चर्चा करते हुए भारत एक खोज में लिखा है-यद्यपि इस क्रांति से देश के केवल कुछ ही हिस्से प्रभावित हो […]

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जब माता पार्वती ने दिया अपने पुत्र कार्तिकेय को शाप

भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र ज्येष्ठ पुत्र हैं कार्तिकेय, जिन्हें दक्षिण भारत में मुरुगन और स्कंद भी कहा जाता है। यह देवताओं के सेनापति हैं। भारत के अलावा भगवान मुरुगन को विश्व में श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर आदि में भी पूजा जाता है। पुराणों के अनुसार षष्ठी तिथि को कार्तिकेय भगवान का जन्म हुआ […]

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आइए ज्ञान बढ़ाएं

भारत का राष्ट्रीय ध्वज – तिरंगा भारत का राष्ट्रीय गान – जन-गन-मन भारत का राष्ट्रीय गीत – वन्दे मातरम भारत का राष्ट्रीय चिन्ह – अशोक स्तम्भ भारत का राष्ट्रीय पंचांग – शक संवत भारत का राष्ट्रीय वाक्य – सत्यमेव जयते भारत की राष्ट्रीयता – भारतीयता भारत की राष्ट्र भाषा – हिंदी भारत की राष्ट्रीय लिपि […]

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महर्षि दयानन्द का वर्णव्यवस्था पर ऐतिहासिक उपदेश

आज से लगभग 140 वर्ष पूर्व हमारा समाज अज्ञान व अन्धकार से आवृत्त तथा रूढि़वादी परम्पराओं में जकड़ा हुआ था। सामाजिक विषमता अपने जटिलतम रूप में व्याप्त थी। ऐसे समय में महर्षि दयानन्द ने वेद एवं वैदिक साहित्य से समाज सुधार के क्रान्तिकारी विचारों व मान्यताओं को प्रस्तुत किया था। यह भी तथ्य है कि […]

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भारत में sunday की छुट्टी का कारण

हमारे ज्यादातर लोग sunday की छुट्टी का दिन enjoy करने में लगाते है। उन्हें लगता है, की हम इस sunday की छुट्टी के हक़दार है। क्या हमें ये बात का पता है, की sunday के दिन हमें छुट्टी क्यों मिली? और ये छुट्टी किस व्यक्ति ने हमें दिलाई? और इसके पीछे उस महान व्यक्ति का […]

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सर्वव्यापक व सदा अवतरित होने से ईश्वर का अवतार नहीं होता

मनमोहन कुमार आर्य भारत में मूर्तिपूजा का प्रचलन बौद्ध व जैन मत से आरम्भ हुआ है। बौद्ध मत के बढ़ते प्रभाव व वैदिक धर्म में ऋषियों व आप्त पुरूषों की कमी व अभाव के कारण अज्ञानता के कारण मूर्तिपूजा प्रचलन में आई है। रामायण एवं महाभारत काल में भारत में मूर्तिपूजा का प्रचलन नहीं था। […]

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वर्णांधता या ‘कलर ब्लाइंडनेस’ को रोका जा सकता है

वर्षा शर्मा लाल, पीला, हरा और न जाने कितने रंग, यह सभी हमारे जीवन का एक अटूट हिस्सा हैं। मानव जीवन में रंगों का विशेष महत्व होता है। हर रंग के साथ एक विश्वास जुड़ा होता है और प्रत्येक रंग किसी न किसी भाव-विशेष का सूचक होता है। हममें से बहुत से लोग ऐसे होते […]

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