मानव शरीर परमपिता परमेश्वर की अनमोल अद्भुत रहस्यमई रचना है..| इस तथ्य को साधारण या नास्तिक जन नहीं समझ पाते लेकिन आस्थावान ईश्वर के उपासक, दुनिया के चोटी के चिकित्सा वैज्ञानिक भली भांति इस तथ्य को जान रहे है | वर्ष 2017 तक हावर्ड ऑक्सफोर्ड कैंब्रिज कैलिफ़ोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी प्रिंसटन यूनिवर्सिटी सहित दुनिया के […]
श्रेणी: आओ कुछ जाने
अनिल त्रिवेदी सनातन समय से दुनिया भर में हिन्दू दर्शन,जिज्ञासा, जीवनी शक्ति और अध्यात्म की तलाश का विचार या मानवीय जीवनपद्धति ही रहा है।आज भी समूची दुनिया में उसी रूप में कायम हैं।साथ ही सनातन समय तक हिन्दू दर्शन इसी स्वरूप में रहेगा भी। हिन्दू शब्द से एक ऐसे दर्शन का बोध स्वत:ही होता आया […]
उगता भारत ब्यूरो मुंबई,। विश्व हिंदू परिषद के अथक प्रयासों के बाद विपुल प्रकाशन ने रश्मि जिजेश करनाथ , दीपा शिवजी जमींदार और रेशमा शेख परब द्वारा लिखित पुस्तक ‘विपुल्स फाउंडेशन कोर्स -१ ‘ में हिन्दू संगठनों के सम्बन्ध में विद्यार्थियों को दूषित जानकारी देने के कारण मुंबई विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से क्षमा याचना की […]
कुरान इस्लाम का प्रमाणिक और आधार धर्मग्रन्थ है , जो अरबी भाषा में है , जिस से अधिकांश मुस्लिम अनभिज्ञ हैं , इसलिए मुसलमानों को कुरान का सही अर्थ और आशय समझने के लिए मुल्ले मौलवियों का सहारा लेना पड़ता है . यही कारण है कि सामान्य मुस्लिमों की कुरान के बारे में अज्ञानता का […]
नोट -यह हमारा 146 वां लेख है। इस लेख से आपको पता चल जायेगा कि मुहम्मद वास्तव में कौन था ? जब मुहम्मद 40 साल का था ,तो उसने सन 610 में खुद को अल्लाह का रसूल होने का दावा कर दिया था .लेकिन उसके इस दावे पर लोगों को शक बना रहा .उसी समय […]
एक गांव में राजपूत, ब्राह्मण, बनिये, तेली, हरिजन आदि जातिके लोग रहते थे, सभी मिलजुल कर शान्ति से रहते थे। एक दिन गांव के मुखिया के पास एक मुस्लिम अपनी पत्नी और आठ बच्चों के साथ आया और गांव मे रहने की भीख मांगने लगा। रातों को जागकर गाँव की देखभाल करने वाले एक चौकीदार […]
मूल लेखक ; अमर साहू प्रभु श्रीराम को 14 वर्ष का वनवास हुआ। इस वनवास काल में श्रीराम ने कई ऋषि-मुनियों से शिक्षा और विद्या ग्रहण की, तपस्या की और भारत के आदिवासी, वनवासी और तमाम तरह के भारतीय समाज को संगठित कर उन्हें धर्म के मार्ग पर चलाया। संपूर्ण भारत को उन्होंने एक ही […]
योगेश कुमार गोयल भारत का संविधान 26 जनवरी 1949 को अंगीकृत किया गया था और कुछ उपबंध तुरंत प्रभाव से लागू कर दिए गए थे लेकिन संविधान का मुख्य भाग 26 जनवरी 1950 को ही लागू किया गया, इसीलिए इस तारीख को संविधान के ‘प्रारंभ की तारीख’ भी कहा जाता है। देश की स्वतंत्रता के […]
असम में एक ईसाई धर्मप्रचारक भेजे गए थे, नाम था फादर क्रूज़ इन्हें असम के एक प्रभावशाली परिवार के लड़के को घर आकर अंग्रेजी पढ़ाने का मौका मिला, पादरी साहब धीरे-धीरे घर का मुआयना करने लगे,उन्हें पता चल गया कि, बच्चे की दादी इस घर में सबसे प्रभाव वालीं हैं, इसलिए उनको यदि ईसा की […]
लेखक :- स्वामी ओमानन्द सरस्वती स्त्रोत :- भाषाविभाग हरयाणा वार्षिक संगोष्ठी 1967 – 68 प्रस्तुतकर्ता :- अमित सिवाहा भारत के पतनकाल के समय आज से दो सो वर्ष पूर्व भी हरयाणा स्वर्ग के समान ही था । इसकी वैदिकसंस्कृति ज्यों की त्यों अविकृतरूप में थी । केवल पौराणिक प्रभाव के कारण तीर्थ , मूर्तिपूजादि का […]