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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

स्वार्थ में डूबी राजनीति को तुलसीदास ने बताया-राजधर्म

तुलसीदास के राम कहते हैं… तुलसीदास जी ने रामचंद्र जी के मुख से ‘परशुराम-राम संवाद’ के समय कहलवाया है :- छत्रिय तनु धरि समर सकाना, कुल कलंकु तेहिं पावर आना, कहऊं सुभाऊ न कुलहि प्रसंसी, क ालहु  डरहिं न रन रघुबंसी अर्थात क्षत्रिय का शरीर धरकर जो युद्घ में डर गया, उस नीच ने अपने […]

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