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राजनीति संपादकीय

संगठित लूट और कानूनी लूट

जब आप किसी के लिए कुछ कहते हैं तो समझ लीजिए कि आपके कहे की वह प्रतिक्रिया अवश्य करेगा। ऐसा हो ही नहीं सकता कि आप कुछ कहें और आगे वाले की ओर से कुछ भी प्रतिक्रिया ना हो। आगे वाले की प्रतिक्रिया हमारे लिए कर्णप्रिय और हृदय को प्रफुल्लित करने वाली हो-इसके लिए आवश्यक […]

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