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”गाय के विना गति नहीं, वेद के विना मति नहीं” !

गौ-निवास-गोष्ठ एवं आदर्श गौशाला ( 33 करोड़ देवी – देवताओं का देवालय ) जहाँ सिर्फ देश, भारतीय प्रजाति के गौवंश हो में किया गया सतकर्म करोड़ों-करोड़ों गुना आधिक फल देता है। ”गाय के विना गति नहीं, वेद के विना मति नहीं” !जैसे —–1 – पुंसवन संस्कार ! गर्भस्थ शिशु के मानसिक विकास की दृष्टि से […]

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