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प्रमुख समाचार/संपादकीय

राष्ट्र की प्राणशक्ति हैं : संस्कार

प्रो. विजेन्द्र सिंह आर्य गतांक से आगे : जातिवाद के प्रति आपके लगाव ने आपको आपके न्यायपथ से भटका दिया। दूसरा आकर्षण आपके लिए यह था कि आपके, आपकी जाति के लोग भी आपसे यही अपेक्षा करते हैं कि आप अपना निर्णय अपने व्यक्ति के हित में ही देंगे। यदि आप ऐसा करेंगे तो ये […]

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