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प्रमुख समाचार/संपादकीय

गोस्तु मात्रा न विद्यते : गौ जैसी मां ब्रह्मांड कोई नही

एक बार देवी-देवता ऋषि-मुनि एवं ऋतुओं में वाद-विवाद होने लगा। आपस में सभी एक दूसरे से अपने को बड़ा एवं महान मानते थे। आपस में निर्णय न होने पर वेद भगवान के न्यायालय में सभी उपस्थित हुए। अपनी अपनी प्रतिष्ठा के अभिलाषी देवतादि भगवान वेद के न्याय की प्रतीक्षा करने लगे। भगवान वेद के आदेश […]

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