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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

आदि शंकराचार्य और मंदिर संस्कृति ने पढ़ाया एकता का पाठ

छोटे-छोटे राज्य व्यक्ति की सोच को संकीर्ण बनाते हैं। व्यक्ति अपने राज्य के लोगों को ही अपना मानता है, और बाहरी लोगों ‘परदेशी’ मानता है। व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास के लिए इसीलिए संपूर्ण भूमंडल को ‘एक देश’ या एक परिवार बनाने हेतु आर्यावर्त्तीय राजाओं ने चक्रवर्ती साम्राज्य स्थापित करने का आदर्श लक्षित किया। व्यक्ति […]

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