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संपादकीय

ग्रामीण भारत : बड़ी चुनौती

1932 के बाद देश में पहली बार सामाजिक, आर्थिक और जातिगत आधार पर जनगणना संपन्न हुई है। जिससे प्राप्त आंकड़ों ने हमारे ग्रामीण विकास की सारी कलई खोलकर रख दी है। जो तस्वीर उभर कर सामने आयी है, उससे पता चलता है कि देश में गरीबी और फटेहाली आजादी से पूर्व की स्थिति से भी […]

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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

तुगलक वंश के अंतिम क्षणों तक सल्तनत को मिली हिंदू-चुनौती

हमारे दुर्भाग्य का दु:खद पहलू हम भारतीयों के दुर्भाग्य का सबसे दु:खद पहलू यह है कि हमारे देश का प्रचलित इतिहास इस देश की माटी से हमें नही जोड़ता। विदेशी इतिहासकारों ने इस पावन देश की पावन माटी से किसका संबंध है, यह प्रश्न भी उलझा दिया है-ये कह कर कि यहां जो भी लोग […]

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