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संपूर्ण भारत कभी गुलाम नही रहा

कराजल ने ली एक लाख शत्रुओं की बलि, और जैसलमेर हुआ स्वतंत्र

इस्लामी लेखकों की विश्वसनीयता?सल्तनत काल में मुस्लिम लेखकों को हर क्षण अपने प्राणों की चिंता रहती थी। सच कहने या लिखने पर उनकी आत्मा भी कांप उठती थी। क्योंकि वह अपने नायकों की क्रूरता से इतने भयभीत रहते थे कि पता नही कब किस बात पर उसका क्रोध उनके प्राण ले ले? वैसे भी मुस्लिम […]

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