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संपादकीय

शिक्षा का व्यावसायीकरण एक अभिशाप

भारत प्राचीनकाल से संस्कार आधारित नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करने वाला देश रहा है। इस देश ने शिक्षा को मानव निर्माण से विश्व निर्माण का एक सशक्त माध्यम माना और इसीलिए शिक्षा को व्यक्ति का मौलिक अधिकार घोषित कर ज्ञानवान होने को व्यक्ति की मौलिक आवश्यकता माना। 1947 में जब देश आजाद हुआ तो हमारे संविधान […]

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अन्य राजनीति संपादकीय

शशिकला: लोकतंत्र का एक अभिशाप

महात्मा विदुर का मानना है कि राजा को चाहिए कि वह राजा कहलाने और राजछत्र धारण करने मात्र से ही संतुष्ट रहे, अर्थात राजा का ऐश्वर्य उसका राजा कहलवाना और राजछत्र धारण करना ही है। उसे चाहिए कि राज्य के ऐश्वर्यों को राज्यकर्मचारियों और प्रजा के लिए छोड़ दे, उनमें बांट दे, सब कुछ अकेला […]

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