जीवन्मुक्ति के लिए अपनाएँ अनासक्त कर्मयोग – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हर प्राणी मुक्ति चाहता है। मनुष्य ही नहीं बल्कि हर प्राणी का स्वाभाविक भाव होता है मुक्ति। मनुष्य बुद्धिशाली होने की वजह से कुछ ज्यादा ही स्वतंत्रता चाहता है और कई बार यह स्वच्छन्दता की सीमा तक पसर जाती है। इंसान पक्षियों की तरह […]
Month: September 2013
आज का चिंतन-25/09/2013
आत्मसंयम अपनाएँ तनाव दूर भगाएँ – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com हममें से कई सारे लोग ऎसे हैं जिन्हें जीवन में कई बार यह महसूस होता रहा है कि अब जमाने में गुणग्राही लोग खत्म होते जा रहे हैं और सिर्फ ग्राही-ग्राही और सर्वभक्षी लोगों का ही बोलबाला है। बात अपने क्षेत्र में समाज […]
न्यायपालिका के पंख कुतरने की कोशिश
“यह आरोप मेरी बढ़ती लोकप्रियता के कारण विरोधियों ने साजिश के तहत लगाया है” – ”मुझे भारत की न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है” – आदि आदि —पिछले २-३ दशकों से आरोपी रहनुमाओं के ऐसे खोखले बयान सुन सुनकर हम सभी आजिज हो गए हैं। जब जब न्यायालय द्वारा देशहित में कोई महत्वपूर्ण फैसला दिया है जो तथाकथित ”रहनुमाओं” के […]
आज का चिंतन-24/09/2013
पूर्ण अनुकूलताएं कभी नहीं आती शुरूआत आज से करें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com आने वाला कल अनिश्चयपूर्ण होता है। उसके बारे में कभी नहीं कहा जा सकता कि वह किसका होगा। कल कुछ भी हो सकता है। अच्छा भी हो सकता है, बुरा भी हो सकता है और कुछ नहीं भी हो सकता […]
राकेश कुमार आर्य वेद का पुरूष सूक्त बड़ा ही आनंददायक है। वहां क्षर पुरूष प्रकृति जो कि नाशवान है, अक्षर पुरूष-जीव, जिसकी जीवन लीला प्रकृति पर निर्भर है, और जो इसका भोक्ता है, और अव्यय पुरूष पुरूषोत्तम-ईश्वर के परस्पर संबंध का मनोहारी वर्णन है। इसी वर्णन में कहीं राष्ट्र का ‘बीज तत्व’ छिपा है।वेद का […]
आज का चिंतन-23/09/2013
ये आचरण लाते हैं रोग-शोक और दरिद्रता – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com समाज में पिछले कुछ वर्ष से पारिवारिक, सामाजिक और क्षेत्रीय समस्याओं का प्रसार तेजी से हुआ है और इसने आम आदमी की जिन्दगी में दखल डालते हुए सुकून से जीवनयापन की संभावनाओं को धूमिल कर दिया है। खूब सारे ऎसे लोग हैं […]
आज का चिंतन-22/09/2013
वो हर आदमी भिखारी है जो माँगता है – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com भिखारी से हम यही आशय रखते हैं कि जो सड़कों और सार्वजनिक स्थलों पर हाथ या झोली फैलाकर माँगने का आदी हो और जिसका गुजारा चलाने का एकमात्र सहारा भीख ही हो। भीख न मिले तो उसका जीना मुश्किल हो […]
हमें उजाला करना है
रुपये एकत्रित करना है।हमको गुल्लक भरना है।इन रुपयों से वृद्धों की,हमको सेवा करना है। गली सड़क में इधर उधर,बूढ़े ठेड़े दिख जाते।लाचारी में बेचारे,पीते न कुछ खा पाते।इनकी झोली भरना है।इन्हें मदद कुछ करना है। कपड़े इनके पास नहीं,सरदी गरमी सह जाते।सहन नहीं जो कर पाते,बिना मौत के मर जाते।हमें दुखों को हरना है।उनकी रक्षा […]
आज का चिंतन-21/09/2013
शान से जीना चाहें तो किसी से ‘ऑब्लाईज’ न हों – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com अपने से संबंधित तमाम गतिविधियों में संप्रभुता सम्पन्न आदमी यदि चाहे तो बिना किसी दूसरों की मदद से अकेला वह सब कुछ कर सकता है जो हजारों लोग वर्षों तक एक-दूसरे के साथ रहकर भी नहीं कर पाते। इसके […]
आज का चिंतन-20/09/2013
आज का सर्वोपरि फर्ज है पूछताछ सेवा और मार्गदर्शन – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com जिज्ञासुओं की जिज्ञासाओं का शमन कई समस्याओं का अपने आप खात्मा कर डालता है। इसलिए अपने संपर्क में आने वाले सभी प्रकार के जिज्ञासुओं की बातों को तसल्ली से सुनें और उनकी जिज्ञासा का शमन करें। आज न योजनाओं की […]