राज्याश्रय के उत्सुक न रहें, लोकमान्य बनने का प्रयास करें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com दुनिया में जन्म लेने वाला हर व्यक्ति अपने आपको कुछ बनाने, समाज में प्रतिष्ठित होने और नाम कमाने के लिए कुछ न कुछ ऎसा करना चाहता है जो अपने आप में अन्यतम हो, औरों से एकदम अलग दिखे, आकर्षण […]
लेखक: डॉ. दीपक आचार्य
संस्कारहीनता ही है समस्याओं की जड़ – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com मनुष्य के रूप में पैदा हो जाना और मनुष्यता होना दो अलग-अलग बातें हैं। मनुष्य का शरीर कोई भी प्राप्त कर सकता है लेकिन उसमें मनुष्यता हो ही, यह जरूरी नहीं है। इंसानियत अपने साथ मनुष्य होने के गुण-धर्म लेकर आती है और […]
नालायक लोग बिगाड़ते हैं रचनात्मक कामों का संतुलन – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com घर-परिवार या समाज की बात हो या फिर अपने क्षेत्र की, हर तरफ रचनात्मक गतिविधियों और कल्याणकारी प्रवृत्तियों का दौर हर युग में रहा है और रहेगा। अच्छे लोग हर युग में रहे हैं और अच्छे काम भी। समाज को जिस […]
अपना मूल्यांकन खुद करे […]
चर्चाओं में ही समय न गँवाएँ संक्रमण काल का सदुपयोग करें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com जो कुछ होना था, हो गया। जो परिणाम सामने आने हैं वे कुछ दिन में अपने आप आ ही जाएंगे। बीच का यह पूरा समय संक्रमण काल है जिसे चाहे-अनचाहे गुजारना ही है। कुछ न करें, तब भी […]
कुछ कके दिखाएँ दिखाऊ भौंपू न बने रहें – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com इंसान की पहचान उसकी वाणी और कर्म से होती है। कामों की सुगंध अपने आप बिखरने और कीर्ति देने लगती है जबकि अपनी ही अपनी बड़ाई और चर्चाओं को सुनाने-सुनने में घण्टों रमे रहने वाले लोगों को वो प्रतिष्ठा और लोकप्रियता […]
जिन्दगी को अभिशप्त कर देती हैं फालतू की चर्चाएँ और भविष्यवाणियाँ – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com चुनाव के वर्तमान मौसम में आजकल अधिकांश लोगों के पास टाईमपास करने का एकमात्र और सहज-सुलभ स्वादिष्ट जरिया बना हुआ है चर्चाओं का दौर। इन चर्चाओं से न किसी का भला हुआ है, न होने वाला है। लेकिन […]
समाज और देश के दुश्मन हैं विघ्नसंतोषी और नकारात्मक लोग – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 आजकल आदमी के दिल और दिमाग से लेकर परिवेश तक नकारात्मक मानसिकता और बुराइयों से भरी प्रवृत्तियों का वजूद बढ़ता जा रहा है। हममें से अधिकांश लोगों की सोच नकारात्मक होने लगी है, हमारे भीतर से मानवीय गुणों का ग्राफ […]
हृदय स्वच्छ, कर्म पारदर्शी रखें निखरने लगेगा व्यक्तित्व अपने आप – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com चेहरा और शरीर मन के भावों, मस्तिष्क के विचारों-कल्पनाओं और सम सामयिक लक्ष्यों को एकदम साफ-साफ और सटीक ढंग से अभिव्यक्ति करता है। जो जैसा सोचता है और करता है वैसा ही उसका शरीर ढल जाता है और चेहरा […]
बेबाक अभिव्यक्ति देती है आत्म- आनंद जरूरी नहीं औरों को पसंद आए ही – डॉ. दीपक आचार्य 9413306077 dr.deepakaacharya@gmail.com पूरी दुनिया और आसमान विचारों और तरंगों से भरा है और इन्हीं अदृश्य तरंगों से संसार का सारा व्यापार चल रहा है। अक्षर ब्रह्म है, ध्वनियों का वजूद हर क्षण रहता है। यह हमारी ग्राह्यता […]