मेरी बेटी ने आसाराम पर झूठे आरोप लगाए’

माफ कर दीजिए, मेरी बेटी ने आसाराम पर झूठे आरोप लगाए’: रेप पीड़िता के पिता के नाम से वीडियो वायरल, उत्तर प्रदेश पुलिस ने जाँच शुरू की

11 वर्ष पूर्व जब संत आसाराम पर बलात्कार आरोप लगाया जा रहा था, उन दिनों एक हिंदी पाक्षिक को सम्पादित करते मुख्य पृष्ठ पर रपट शीर्षक “क्या आसाराम वासना भोगी है?” प्रकाशित कर इस गंभीर आरोप पर प्रश्नचिन्ह लगाया था, शायद जिसके सत्यापित होने का समय आ गया है या अति निकट है। वास्तव जिस समय आसाराम पर बलात्कार का आरोप लगा, वह दौर था, सनातन को कलंकित करने का। किसी खोजी पत्रकार में सच्चाई को उजागर करने का साहस नहीं था। समस्त मीडिया कांग्रेस की गोदी में बैठ मालपुए खाने में व्यस्त रहकर जनता को भ्रमित कर रही थी।
सनातन को कलंकित करने बेकसूर साधु/साध्वी और संतों को आतंकवाद के झूठे आरोपों में जेलों में डाला जा रहा था। सनातन विरोधी साध्वी प्रज्ञा के विरुद्ध ATS प्रमुख करकरे के विरुद्ध बोलने पर चुनाव आयोग जाकर शिकायत कर सकते हैं, लेकिन उस समय इन सबकी अंतरात्मा कहाँ मर गयी कि जब एक साध्वी को अंडा खिलाया जा रहा था? जब साध्वी को नग्न कर अत्याचार किये जा रहे थे? कर्नल पुरोहित को उस जगह डंडे मारने का आदेश दिया, जहाँ उनके दुश्मन की गोलियों के जख्म थे? कोई मीडिया नहीं बोली, किसी ने उनकी पीड़ा को उजागर किया, क्योकि यूपीए सरकार की गोद में बैठ कर मालपुए खाये जा रहे थे।

सबसे प्रमुख प्रश्न यह है कि वह कौन था, जिसने तथाकथित पीड़िता के कमला मार्किट थाने पर पहुँचने से घंटों पहले मीडिया को थाने पर बुलाया या आने को कहा था? सच्चाई सामने लाने के लिए बाल की खाल निकालनी होगी। ऐसे बिकाऊ लोगों को भी जेल में डालना होगा। जिन्होंने ने सनातन को कलंकित करने के लिए अपने आपको बेच दिया।
इस आरोप पर प्रश्नचिन्ह लगाने का मुख्य कारण था कि तथाकथित पीड़ित कमला मार्किट(दिल्ली) थाने पर मीडिया का जमावड़ा। पीड़िता आयी लगभग दो घंटे बाद। दूसरे, मीडिया में यह तथाकथित पीड़िता का यह भी समाचार आया कि ‘बापू ने तो मुझे छुआ तक नहीं’, आसाराम के वकीलों को मीडिया में प्रकाश में आये उस समाचार को कोर्ट के समक्ष रख आरोप लगाने वालों पर सख्ती से पेश आना होगा।

वर्तमान सरकार को ऐसे समस्त केसों जैसे दीपावली के शुभावसर पर शंकराचार्य को ऐसे ही खिनौने अपराध में गिरफ्तार किया था, आदि। यदि मोदी सरकार ने इन गंभीर केसों को खोलकर षड्यंत्रकारियों को जेल में भरा षडयंत्रकारी ऐसी घिनौनी हरकतें करते रहेंगे।
दुष्कर्म के आरोप में जेल में बंद आसाराम पर आरोप लगाने वाली पीड़िता के पिता का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें रेप का आरोप लगाने वाली लड़की का पिता कहता नजर आ रहा है कि उसने आसाराम पर झूठा केस दायर किया था। इसके लिए उसे बेहद अफसोस है। वीडियो में वह माफी माँगता भी नजर आ रहा है। यूपी पुलिस इस वीडियो की जाँच कर रही है।

यह वीडियो सामने आने के बाद रेप पीड़िता का पिता और उसका परिवार सतर्क हो गया। उसने इसे झूठा बताते हुए शाहजहाँपुर पुलिस में शिकायत की है। अब शिकायत के आधार पर पुलिस इस वीडियो की सत्यता की जाँच शुरू कर दी है। इसके साथ ही इसे बनाने वालों की भी पहचान कर रही है।

आसाराम बापू पिछले 11 सालों से जेल में बंद है। वह खुद को निर्दोष बताता है। वहीं, उसके गुर्गे भी समय समय पर अफवाह फैलाने की कोशिश करते रहते हैं। पिछले वर्ष शाहजहाँपुर में शरबत वितरण के साथ आसाराम को निर्दोष बताने वाली किताबें बाँटा गया था। इसका भी वीडियो वायरल हुआ था।

वायरल वीडियो में एक व्यक्ति मीडिया के सवालों का जवाब दे रहा है, जो पीड़िता का पिता होने का दावा कर रहा है। 2:20 मिनट के इस वीडियो में व्यक्ति कहता है, “कृपया हमें माफ कर दीजिए। हमारी बेटी ने झूठे आरोप लगाए थे।” सोशल साइट एक्स पर वायरल किया गया है। पीड़िता के पिता ने इसे साजिश करार दिया है।

पीड़िता के पिता का कहना है कि आसाराम जेल में बैठकर परिवार को बदनाम कर रहा है। पिता का दावा है कि वीडियो में ना वह है और ना ही उसकी आवाज है। उसका कहना है कि आसाराम के गुर्गे पहले भी डराने-धमकाने और बदनाम करने की कोशिश कर चुके हैं। वह इससे डरने वाला नहीं है।

दरअसल, शाहजहाँपुर की एक लड़की ने आसाराम के खिलाफ साल 2013 में रेप का केस दर्ज कराया था। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि साल 2013 में आसाराम बापू ने जोधपुर स्थित अपने आश्रम में उसका रेप किया था। उस वक्त वह नाबालिग थी और उसकी उम्र 16 साल थी। इस समय आसाराम की उम्र 83 साल है।

इस मामले में आसाराम के खिलाफ गवाही देने वाले एक गवाह की हत्या भी कर दी गई थी। साल 2018 में न्यायालय ने आसाराम को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद से वह जोधपुर सेट्रल जेल में है। उसने बेल के लिए 15 से अधिक बार याचिका दायर की, लेकिन जमानत नहीं मिली।

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