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अब इंडिया गठबंधन के नेता ने कहा – राम था मांसाहारी

शरद पवार के साथ जितेंद्र आव्हाड

अयोध्या में राम मन्दिर के जीर्णोद्वार होने पर राम विरोधियों द्वारा जहर उगला जा रहा है, जनता को विवश करता है कि “क्या विपक्ष एक भी वोट लेने का अधिकार रखते हैं?” जो विपक्ष जनता की नब्ज नहीं पढ़ सकता, फिर किस अधिकार से जनता से वोट मांगता है? ज्ञात हो, 2014 चुनावों से पूर्व किसी भी चुनावी रैली/कॉर्नर मीटिंग तक में राम नाम का साहस नहीं था, जबकि खुले मंच से बाबरी की आवाज़ बुलंद कर वोट मांगे जाते थे, समय ने करवट ली, भाजपा की हर रैली में “जय श्रीराम” के नारे लगते हैं। 

विपक्ष ने रामजन्मभूमि मन्दिर पर सीमा से बाहर जाकर मुद्दे को लटकाने, भटकाने और तथ्यों को कोर्ट से छुपा कर जनता को भ्रमित करता रहा। लेकिन सत्ता परिवर्तन होने पर, छुपाये गए उन्ही तथ्यों को उजागर कर कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करते ही विपक्ष को पटखनी मिलनी शुरू से विपक्ष को सिवाए सनातन विरोध के कुछ नहीं सूझ रहा, जो इनके पतन का मुख्य कारण बन रहा है। क्योकि जो देश, नेता अथवा पार्टी ने इतिहास को भुला देती हैं, उसके पतन को कोई नहीं रोक नहीं सकता। जिसे समूचा विपक्ष नहीं समझ रहा। जिस तरह सनातन विरोधी सनातन के विरुद्ध बक रहे हैं, किसी अन्य मजहब के विरुद्ध बोल कर दिखाएं।   

भगवान राम मांस खाते थे। भगवान राम बहुजन समाज के थे। यह दोनों बातें NCP नेता जितेंद्र आव्हाड (Jitendra Awhad) ने कही हैं। उनके इस बयान पर महाराष्ट्र बीजेपी के नेता राम कदम ने गिरफ्तारी की माँग की है। राम कदम ने कहा कि इंडी गठबंधन के नेताओं द्वारा हिंदुओं को उकसाने का काम किया जा रहा है।

महाराष्ट्र बीजेपी नेता राम कदम ने इस संबंध में पुलिस में जाकर शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर जितेंद्र आव्हाड के उस वीडियो को मँगवाया है, जिसमें वो भगवान राम के मांस खाने का जिक्र कर रहे। राम कदम ने कहा कि महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार में हिंदू धर्म का अपमान करने वालों को सजा मिलेगी।

जितेंद्र आव्हाड ने शिरडी में अपनी पार्टी के अध्ययन शिविर में कार्यकर्ताओं की भीड़ को संबोधित करते हुए यह कह कर विवाद खड़ा कर दिया, “भगवान राम बहुजनों के राजा थे और मांसाहारी थे।” इसके बाद से ही उनका यह बयान सोशल मीडिया पर खासा वायरल हो रहा है।

उन्होंने कहा, “हम इतिहास नहीं पढ़ते और राजनीति में सब कुछ भूल जाते हैं। राम हमारा है। हम बहुजनों का है। जो खाने के लिए शिकार करता था… राम कभी शाकाहारी नहीं था। वह मांसाहारी थे।”

महाराष्ट्र बीजेपी नेता राम कदम ने इस संबंध में पुलिस में जाकर शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर जितेंद्र आव्हाड के उस वीडियो को मँगवाया है, जिसमें वो भगवान राम के मांस खाने का जिक्र कर रहे। राम कदम ने कहा कि महाराष्ट्र की बीजेपी सरकार में हिंदू धर्म का अपमान करने वालों को सजा मिलेगी।

जितेंद्र आव्हाड ने शिरडी में अपनी पार्टी के अध्ययन शिविर में कार्यकर्ताओं की भीड़ को संबोधित करते हुए यह कह कर विवाद खड़ा कर दिया, “भगवान राम बहुजनों के राजा थे और मांसाहारी थे।” इसके बाद से ही उनका यह बयान सोशल मीडिया पर खासा वायरल हो रहा है।

उन्होंने कहा, “हम इतिहास नहीं पढ़ते और राजनीति में सब कुछ भूल जाते हैं। राम हमारा है। हम बहुजनों का है। जो खाने के लिए शिकार करता था… राम कभी शाकाहारी नहीं था। वह मांसाहारी थे।”

जितेंद्र आव्हाड से जब मीडिया ने उनके बयान को लेकर सवाल किया तो उन्होंने मीडिया पर ही सवाल दाग दिया कि जो आदमी 14 साल तक जंगल में रहा, वह शाकाहारी कैसे रह सकता है। एनसीपी विधायक की भाषा भी भगवान राम को लेकर तू-तड़ाक वाली रही। उन्होंने कहा, “खाते क्या थे राजा राम? राम क्षत्रिय था। क्षत्रियों का खाना ही मांसाहारी होता है।”

बवाल को शांत कराने या माफी माँगने के बजाय जितेंद्र आव्हाड ने इस मुद्दे को और तूल दिया। इस कंर्टोवर्सी को लेकर जब उनसे पूछा गया कि तो वो तैश में आकर बोले, “क्या कंर्टोवर्सी? राम का खाना क्या था? कोई बता दे कि राम मैथी की भाजी खाता था?”

जब उनसे मीडिया ने पूछा कि क्या आप अपने कहे पर कायम रहेंगे, तो पूरे जोश से जितेंद्र आव्हाड बोले, “हैं बिल्कुल। अरे बिल्कुल कायम हैं यार। क्या आप भारत को शाकाहारी बनाना चाहते हैं? इस देश के 80 प्रतिशत लोग जो आज भी माँसाहारी हैं, वो राम भक्त ही हैं न।”

NCP नेता जितेंद्र आव्हाड इंडी गठबंधन का हिस्सा है। यह वही गठबंधन है, जिसके नेता आए दिन राम मंदिर, अयोध्या, 370 आदि पर आग उगलते रहते हैं। मंदिर को मानसिक गुलामी का मार्ग बताते हैं लेकिन खुद क्रिसमस मनाते पाए जाते हैं।

इंडिया फर्स्ट से साभार

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