चित्रकूट। अंतर्राष्ट्रीय इतिहासकार सम्मेलन के दूसरे सत्र में डॉ कुसुमलता केडिया और डॉ राकेश आर्य के साथ वैद्य राजेश कपूर का उद्बोधन सुनकर लोगो ने दांतों तले उंगलियां दबा लीं। डॉ कुसुम लता केडिया ने दर्जन भर किताबों और विविध आख्यानों के साथ ही इस बात को सिद्ध किया कि पश्चिमपरस्त इतिहासकारों ने मनगढंत तथ्यों के जरिए हमारे देश के वास्तविक इतिहास को गायब कर कपोल कल्पनाओं के आधार पर अवास्तविक कहानियों की भरमार कर दी। उन्होंने कहा कि इतिहास के भीतर यह फैलाया गया यह बहुत बड़ा झूठ है कि आर्य विदेश से आए डॉ केडिया ने कहा कि संपूर्ण भूमंडल पर कभी भारत के ऋषि मुनियों की धर्म सत्ता चलती थी, जिससे स्पष्ट होता है कि यहां पर कोई भी विदेशी नहीं आया बल्कि भारत के लोग ही यहां से बाहर जाकर संस्कारों का संसार बसाते रहे। उन्होंने उगता भारत के साथ एक बातचीत में कहा कि हमें इस समय भारत के वास्तविक इतिहास को पहचानने और समझने की आवश्यकता है। यदि आने वाली पीढ़ियों को हम अपना सच्चा और गौरवशाली इतिहास नहीं बता पाए तो हिंदू नाम की चिड़िया संसार में कहीं भी नहीं रहेगी।
सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता डॉ राकेश कुमार आर्य द्वारा दिए गए ओजस्वी वक्तव्य को सभी उपस्थित श्रोताओं ने दांतों तले उंगली दबाकर सुना डॉ आर्य ने इतिहास के उन तथ्यों को उजागर किया जिन पर प्रचलित इतिहास पूरी तरह मौन है। डॉ आर्य ने कहा कि सर्वखाप पंचायत का क्रांतिकारी इतिहास हमें बताता है कि जब-जब भी देश पर किसी भी प्रकार की आपदा आई तब तब यहां के लोगों ने बिना वेतन की फौज बना कर अपने राजा का सहयोग किया और देश की रक्षा के लिए हजारों लाखों की संख्या में बलिदान दिए ।आज उन बलिदानों को पूरी तरह भुला दिया गया है। उन्होंने देश के बलिदानी इतिहास पर ओजस्वी वक्तव्य देते हुए कहा कि इस बलिदानी इतिहास को आज भी सुरक्षित और संरक्षित रखने की आवश्यकता है। यदि आज की पीढ़ी ने अपने इस राष्ट्रीय कर्तव्य को निभाने में किसी प्रकार की चूक कर दी तो आने वाली पीढ़ियां हमको माफ़ नहीं कर पाएंगी।
इस अवसर पर हिंदू महासभा की नेता राज्यश्री चौधरी ने हिंदू राष्ट्र बनाए जाने का संकल्प लेने की बात कही। फिल्म स्टार राक्शन वाडकर द्वारा तैयार की गई भारत का आध्यात्मिक इतिहास डॉक्यूमेंट्री भी मंच पर प्रस्तुत की गई। चित्रकूट की दिव्या द्विवेदी ने टी0वी0 सीरियल महाभारत के शीर्षक गीत पर नृत्य प्रस्तुत किया। हिमाचल से आए वैद्य राजेश कपूर द्वारा वैदिक कालीन जड़ी बूटियों पर प्रकाश डालते हुए इसके प्रचुरतम उपयोग की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारत के गौरव पूर्ण इतिहास का दोबारा लिखा जाना समय की आवश्यकता है। जिसके लिए हमें राष्ट्रीय स्तर पर सामूहिक प्रयास करने होंगे।
चित्रकूट की समाजसेविका जय श्री ने इस अवसर पर स्थानीय इतिहास पर प्रकाश डाला और अनेक ऐसे तथ्यों से अवगत कराया जिन्हें वर्तमान इतिहास किसी दूसरे दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है। उन्होंने बताया कि महराज छत्रसाल द्वारा मदद मागने पर बाजीराव बुंदेलखंड आए। उनके द्वारा की गई मदद से महाराज ने उन्हें बुंदेलखंड जागीरें दी । चित्रकूट में बाजीराव के पौत्र अमृत आए लेकिन शहर बसाने का काम उनके पुत्र विनायक ने किया। पिता अमृत के नाम पर अमृत नगर गया । बगीचे, कुएं बावड़ी के पूना के शनिवार बाड़ा के पर गणेश महल का हुआ। सन 1832 में मिनी खजुराहो गणेश बाग निर्माण हुआ। अंग्रेजो ने अमृत नगर का नाम कर्वी कर दिया था।
दिल्ली से आए चरणजीत सिंह शंटी ने कहा कि अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए हम सब भाईचारा बनाए रखें।
इसी क्रम में अभिनेत्री मेघना पटेल ने राम धुन रघुपति राघव राजा राम से सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ कुसुम का लता केडिया द्वारा वास्तविक इतिहास को विस्तार से बतलाकर सभा को आत्म विभोर कर दिया। इस अवसर पर डॉ केडिया, डॉ राकेश कुमार आर्य व डॉ राजेश कपूर द्वारा एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर इतिहास के विलुप्त अध्यायों को गौरवशाली ढंग से देश की युवा पीढ़ी के समक्ष प्रस्तुत करने का संकल्प व्यक्त किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन श्री गोविंद नारायण त्रिपाठी द्वारा किया गया । विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री राकेश नथानी ,श्रीनिवास आर्य,चंद्रपाल शर्मा सहित अनेक विद्वान उपस्थित रहे। जिन्होंने देश के विभिन्न विद्वानों को इस मंच पर आमंत्रित कर इतिहास की इस गौरवशाली संगोष्ठी को नए आयाम प्रदान किये। कार्यक्रम में कोर कमेटी के संदीप रिछारिया, डॉक्टर मनोज द्विवेदी, शानू गुप्ता, आनंद पटेल, गुरु प्रकाश शुक्ला, गया प्रसाद द्विवेदी, राजेंद्र त्रिपाठी, अश्वनी श्रीवास्तव, पुष्पराज कश्यप, रहमत अली, छेदी लाल गौतम, अमित मिश्रा, राम सरण तिवारी सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
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