Categories
प्रमुख समाचार/संपादकीय

वरिष्ठ अधिवक्ता ब्रहम सिंह चौधरी नहीं रहे

बुलंदशहर। अपनी प्रतिभा, योग्यता और बौद्घिक कौशल से लोगों का सदा मार्गदर्शन करने वाले और समाज व राष्टï्र के लिए कुछ न कुछ नया करते रहने वाले प्रसिद्घ अधिवक्ता और समाजसेवी ब्रहम सिंह चौधरी एडवोकेट का दिनांक 29 मई को अचानक हृदय गति रूकने से स्वर्गवास हो गया। उनकी मृत्यु की खबर सुनते ही सारे शहर में और अधिवक्ता वर्ग में शोक की लहर दौड़ गयी। अधिवक्ताओं ने तीस मई को दिवंगत आत्मा की शांति व सदगति के लिए दो मिनट का मौन रखा और शोकाकुल परिवार के लिए ईश्वर से प्रार्थना की इसी प्रकार जनपद गौतमबुद्घ नगर की जिला वार एसोसिएशन ने भी शोक प्रस्ताव पास कर दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की। उनके अंतिम संस्कार में समाज के हजारों लोगों ने शिरकत की। इसमें बड़ी संख्या अधिवक्ता वर्ग की रही। उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव देवली में स्थित श्रीमति बसंती देवी महाविद्यालय के प्रांगण में किया गया। श्री चौधरी की चिता को मुखाग्नि उनके बड़े पुत्र अनिल कुमार व वरिष्ठ अधिवक्ता आर.के. सिंह द्वारा संयुक्त रूप से की गयी। श्री चौधरी के एक पुत्र अनिल कुमार भारतीय सेना के कर्नल पद से सेवामुक्त हैं। उनका बड़ा पुत्र कुश तेवतिया बाइस प्रेसिडेंट वार प्लेस बैंक में है तथा आर.के. सिंह एडवोकेट के पुत्र शिवम भी भारतीय सिविल सेवाओं में अभी चयनित हुए हैं। श्री चौधरी की पत्नी श्रीमति बसंती देवी का निधन वर्ष 1994 में हो चुका है। जिनकी स्मृति में विद्यालय की स्थापना उनके द्वारा अपने जीवनकाल में की गयी। श्री चौधरी जीवन भर रचनात्मक कार्यों व समाजसेवी संगठनों से जुड़े रहे, उन्होंने गरीबों, दलितों, शोषितों, उपेक्षितों के लिए विशेष कार्य किया। समाज के वरिष्ठ और गणमान्य लोगों ने श्री चौधरी के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है। उनकी अरिष्टïी 6 जून को ग्राम देवली में संपन्न हुई। इस अवसर पर भी सैकड़ों लोगों ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए किये गये यज्ञ में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी। वह 1960 से बुलंदशहर में रह रहे थे। वह चौधरी चरण सिंह इंटर कालेज भटौना के प्रबंधक रहे, और राजराजेश्वरी मंदिर के सचिव रहे। सचमुच उनका जीवन संघर्ष पूर्ण और प्रेरणादायी रहा।

Comment:Cancel reply

Exit mobile version