Categories
राजनीति

कांग्रेस की २0१४ की तैयारी है, मंत्रिमंडलीय फेरबदल

मनमोहन सिंह ने अपनी सरकार की घोटालों के आरोपों के चलते गिरती साख को बचाने के लिए और कांग्रेस को 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए ऊर्जान्वित करते हुए अपने मंत्रिमंडल में भारी फेरबदल किया है। उन्होंने इसे अपने मंत्रिमंडल का अंतिम फेरबदल कहा है। प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी एक कुशल प्रधानमंत्री के लिए अनुकूल नही कही जा सकती, क्योंकि राजनीति के कुशल खिलाड़ी के लिए यह आवश्यक होता है कि वह अपने मंत्रिमंडल में एक दो सीट हमेशा खाली रखे, और मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना को हमेशा जिंदा रखें। ताकि लोग अपने नेता से जुड़े रहे और इसी उम्मीद में कि कभी उन्हें भी मौका मिल सकता है, अपने नेता के साथ खड़े रहें।
प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल में 17 नये मंत्री शामिल किये हैं, और पांच मंत्रियों को को प्रोन्नति दी है। प्रधानमंत्री ने युवाओं पर अधिक भरोसा किया है, सलमान खुर्शीद को विदेशमंत्री और पवन कुमार बंशल को रेलमंत्री बनाया है, राजनयिक से राजनेता बने शशि थरूर की मंत्रिपरिषद में राज्यमंत्री के रूप में वापिसी करते हुए उहों मानव संसाधन विकास मंत्रालय में लाया गया है, राज्य मंत्री के रूप में पहली बार केन्द्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल तीन महिलाओं में से रानी नाराह, आदिवासी मामलों डॉ. कृपारानी किल्ली, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी एवं श्रीमति दीपा दास मुंशी शहरी विकास मंत्रालय का कार्य देखेंगी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का महत्व बढ़ा:
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से केन्द्रीय मंत्रिमंडल में तारिक अनवर को कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाया गया है। जिसमें कैबिनेट मंत्री के रूप में शरद पवार, इसी पार्टी के कोटे से पहले से ही मौजूद है। इस प्रकार तारिक अनवर को मंत्रिमंडल में देकर प्रधानमंत्री ने जहां मुसलमानों को और अधिक प्रतिनिधित्व देकर खुश करने का प्रयास किया है, वहीं शरद पवार की राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी को भी महत्व प्रदान किया है।
राहुल के मंत्री न बनने से मनमोहन निराश :
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस बात लेकर निराश हैं कि कांग्रेस के युवा सांसद और सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी ने फिर मंत्रिमंडल में अपना कोई स्थान नहीं लिया है। प्रधानमंत्री ने अपनी निराशा को इस विषय स्पष्ट भी कर दिया। जानकारों का मानना है कि कि राहुल गांधी मंत्रिमंडल में न जाकर संगठन की प्रमुख जिम्मेदारी संभालेंगे उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। राहुल गांधी नही चाहते कि कांग्रेस के डूबते हुए जहाज की जिम्मेदारी उनके ऊपर आए। इसलिए वह प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी न लेकर उससे बचना चाहते हैं, ताकि कल को जनता से कहा जा सके कि प्रधानमंत्री के पद पर यदि नेहरू गांधी परिवार का कोई व्यक्ति होता तो ऐसी स्थिति नही आती जो भ्रष्टाचार के कोढ के रूप में आज देखी जा रही है।
जहर में बदला गंगाजल :
शोधकर्ताओं का कहना है कि गंगा के किनारे जो गांव और शहर बसे हैं, उनमें इसके पानी की वजह से कैंसर रोगियों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है, खासकर गाल ब्लैडर, पित्ते व प्रोस्टेट, गदूद, कैंसरों की। स्थिति इतनी भयंकर है कि गंगा पट्टी में गाल ब्लैडर कैंसर से पीडि़त रोगियों की संख्या विश्व में दूसरे नंबर पर है, जबकि देश के सबसे ज्यादा प्रोस्टेट कैंसर पीडि़त रोगी इसी गंगा पट्टी पर हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार चूंकि हरिद्वार से लेकर पश्चिम बंगाल तक विभिन्न स्थानों पर औद्योगिक कचरा, गंदे नालों का पानी, जले शवों की राख, आदि गंगा में डाली जाती है इसलिए इसका पानी जहरीला हो गया है। गंगा में जहरीले पदार्थों की मात्रा इतनी ज्यादा हो गयी है कि उत्तर प्रदेश बिहार, बंगाल में गंगा के किनारे जितने कैंसर रोगी हैं उतने देश में कही नही हैं, यह शोध राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के तहत किया है।
अखिलेश सरकार में दंगे ही दंगे :
उत्तर प्रदेश में जबसे सपा की अखिलेश सरकार आई है, तभी से दंगों की बहार आ गयी है। अभी हाल ही में फैजाबाद में जो दंगा हुआ है यह इस सरकार के कार्यकाल में हुए दंगों में दसवें स्थान पर है। बात यह नही है कि प्रदेश में दंगा कौन करता है? बल्कि महत्वपूर्ण बात यह है कि दंगाईयों के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही क्योंकि नही होती और उन्हें सख्त सजा क्यों नही दी जाती। दंगे प्रदेश के विकास में और साम्प्रदायिक सौहार्द्र में दखल करते हैं। लेकिन वोट बैंक बनाने के चक्कर में राजनीतिक दल दंगाईयों के खिलाफ कोई कानूनी कार्यवाही करने में कोताही बरतते हैं। सपा इस मामले में निश्चित ही सबसे आगे है। फैजाबाद के लिए यह दुख का विषय है कि भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या दीपावली से सही पहले कफ़र्यू से परेशान है। त्योहारों के मौसम में नगर का गुमशुम होना और लोगों में आतंक का होना अच्छा नही कहा जा सकता ।
धूम्रपान से बढ़ता खतरा :
स्विस रिजॉर्ट ऑफ लुगानो से दुनिया भर के 100 कैंसर विशेषज्ञों की उच्च स्तरीय फोरम में अमरीकी कैंसर सोसाइटी के मुख्य कार्यकारी जान सैफरीन ने विश्व की सभी सरकारों को धूम्रपान पर चेतावनी देते हुए कहा है कि या तो सिगरेट की कीमतों में बेइंतहा वृद्घि कर दी जाए, या इन्हें गैर कानूनी घोषित कर दिया जाए या कंपनियों पर भारी कर लगा दिया जाए। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस शताब्दी में एक अरब मनुष्यों की आबादी को तंबाकू से जानलेवा खतरा है। 2050 से 2100 तक इससे करोड़ों लोगों की मृत्यु हो सकती है। विशेषज्ञों ने सिगरेट और तंबाकू उद्योग पर आतंकी अभियान की तरह प्रतिबंध का सुझाव दिया है।
पवन बंसल ने दिये किराये बढ़ाने के संकेत :
नए रेलमंत्री पवन बंसल ने बेहतर सुविधाओं के लिए रेल किराए में बढ़ोत्तरी की आवश्यकता बतायी है। नये रेलमंत्री की मान्यता पर लोग उंगली उठा सकते हैं और उन्हें अपनी आलोचना का शिकार भी बना सकते हैं। लेकिन सुविधाओं को बढ़ाकर और रेल का विस्तार करने हेतु यदि किराया वृद्घि की जाती है तो यह कोई गलत नही होगा। अभी भी भारतीय रेल में सुविधाओं के नाम पर बहुत सारी चीजों की कमी है और देश के बहुत सारे क्षेत्र अभी ऐसे हैं जहां रेलवे का विस्तार किया जाना शेष है। रेलवे के समक्ष बहुत बड़ी चुनौतियां हैं, उसे बदलते जमाने के साथ अपने आपको बदलना है। इसलिए आवश्यक है कि रेलवे में किराया वृद्घि की जाए, और लोगों को सुविधा दी जाए। बिना टिकट यात्रा करने वाले लोगों की संख्या देश में बढ़ती जा रही है। इसके लिए दोषी केवल लोग नही हैं बल्कि लोग टिकट चैकिंग का काम करते हैं, दोष कहीं उनका भी है। रेलवे में लाखों बेरोजगारों को रोजगार देने की क्षमता है लेकिन किराया वृद्घि न होने के कारण सब अस्त व्यस्त हुआ पड़ा है। इसे ठीक करने के लिए नये रेल मंत्री यदि कुछ कठोर उपाय करना चाहते हैं तो उसे ठीक माना जाना चाहिए।
भूमि अधिग्रहण के मसौदे में बदलाव:
भूमि अधिग्रहण के मसौदे में बदलाव करते हुए निजी उद्देश्य से भूमि अधिग्रहण करने के लिए भू-स्वामियों की सहमति को संप्रग अध्यक्षा सोनिया गांधी की ओर से मिले एक सुझाव के बाद और कड़ा किया गया है। प्रस्तावित विधेयक में निजी उद्देश्य के लिए अधिग्रहण की जाने वाली भूमि के लिए 80 प्रतिशत भू स्वामियों की सहमति जरूरी करने का प्रावधान किया जा रहा है। जबकि पहले 67 प्रतिशत की सहमति आवश्यक थी। कृषि मंत्री शरद पवार ने प्रस्तावित विधेयक में परिवर्तनों का खुलासा करते हुए कहा कि सार्वजनिक उद्देश्य के लिए भूमि अधिग्रहण करने के लिए भू स्वामियों की सहमति आवश्यक नही है।
वीके सिंह और अन्ना ने कहा संसद भंग करो :
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और उनके साथ जुड़े पूर्व सेनाध्यक्ष वीके सिंह ने केन्द्र सरकार पर हमला बोलते हुए तुरंत संसद भंग करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि लोकतंत्र के ये दोनों स्तंभ यानि संसद और सरकार सही काम नही कर रहे हैं। दोनों सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार असंविधानिक है, हजारे ने सरकार की एफडीआई योजना की भी आलोचना की है। जनरल वीके सिंह ने कहा कि मल्टी प्लांट रिटेल में सीधे विदेशी निवेश की इजाजत देने जैसे फैसले अल्पमत में रहने वाली संप्रग सरकार कतई नही दे सकती।
मीडिया घरानों के खिलाफ केस दर्ज कराएंगे गडकरी :
भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने पार्टी के बड़े नेताओं का समर्थन और आशीर्वाद अपने लिए प्राप्त कर लिया है। संघ का आशीर्वाद भी उनके साथ है, ऐसे में आत्मविश्वास से भरे गडकरी ने मीडिया घरानों के खिलाफ केस दर्ज कराने की बात कही है। उनका मानना है कि उनके खिलाफ जो भी कुछ किया गया है उसमें कांग्रेसी साजिश काम कर रही थी। क्योंकि मीडिया के ऐसे लोगों ने ही उन्हें बदनाम करने का प्रयास किया जो कांग्रेस से संबंध रखते हैं। इसलिए उनका मानना है कि ऐसे लोगों के खिलाफ वह दीवानी और फौजदारी मामले दर्ज कराएंगे। गडकरी ने यह बात दिल्ली से लौटकर नागपुर जाकर अपने समर्थकों के बीच कही।

Follow us on Facebook

Just click on the link.
And login with your account.

Comment:Cancel reply

Exit mobile version