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उगता भारत न्यूज़

कीर्तिमान:प्रख्यात रचनाकार डॉ विनय सिंघल के जन्मोत्सव पर 21 काव्य पुस्तकों का लोकार्पण – इनमें 06 त्रयी संकलन भी शामिल,अभी तक कई रिकॉर्डस स्थापित

-नई दिल्ली
ख्यातिलब्ध बहुमुखी रचनाकार डॉ विनय कुमार सिंघल “निश्छल” कीर्तिमान स्थापित करते हुए अभी तक 111 काव्य पुस्तकों का सृजन कर चुके हैं।उनके 74 वें जन्मोत्सव पर रिकॉर्ड 21 काव्य पुस्तकों का विधिवत लोकार्पण किया गया।इनमें 06 त्रयी संकलन भी शामिल हैं। जिनमें विशिष्ट रचनाकार अंजू कालरा दासन”नलिनी” व डॉ वीणा शंकर“चित्रलेखा” शामिल हैं।
विमोचन समारोह केंद्रीय हिंदी निदेशालय (शिक्षा मंत्रालय)के सहायक निदेशक डॉ. दीपक पांडेय की अध्यक्षता , केंद्रीय हिंदी निदेशालय की सहायक निदेशक डॉ नूतन पांडेय , इंद्रप्रस्थ लिटरेचर फेस्टिवल के संस्थापक अध्यक्ष डॉ चंद्रमणि ब्रह्मदत्त ,ओम प्रकाश ओबेरॉय जी
सेवा निवृत्त आर्किटैक्ट, भारत सरकार,विनोद कुमार श्रीवास्तव जी,वरिष्ठ अधिवक्ता, गायक, कवि,एच.के.तोलानी जी वरिष्ठ अधिवक्ता,अश्वनी कुमार दासन, भार्वी दासन आदि विद्वानों के आतिथ्य में सम्पन्न हुआ।विमोचन उपरांत विद्वानों के वक्तव्य एवं काव्यपाठ की धारा बही।
इस अवसर पर उपस्थित विद्वानों ने डॉ विनय कुमार सिंघल की अनवरत गति से जारी साहित्य यात्रा पर आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि यह भागीरथी कर्मशीलता सामान्य विभूति के वश की बात नहीं।डॉ विनय अद्भुत प्रतिभा के स्वामी है, ऐसे रचनाकार युगों में विरले ही पैदा होते हैं।निर्बाध गति से लेखन वह भी प्रतिकूल परिस्थितियों में,सब कुछ अप्रत्याशित है।तभी वह निरंतर कीर्तिमान स्थापित किये जा रहे हैं।उनकी लेखनी भाषा की शुद्धता, वैभवशीलता से परिमार्जित,मानवीय संवेदनाओं से समृद्ध हैं।कार्यक्रम में त्रयी संकलनों की शामिल रचनाकार डॉ वीणा शंकर”चित्रलेखा” और अंजू कालरा दासन”नलिनी”के काव्य सृजन व उनकी विशिष्ट प्रतिभा पर भी विशेष चर्चा हुई।
इससे पूर्व डॉ दीपक पांडेय ने सरस्वती प्रतिमा समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम को उदघाटित किया।सरस्वती वंदना कामिनी सिंघल ने की।सभी अतिथियों ने प्रतिमा पर पुष्पार्चन किया।सिंघल परिवार ने शॉल ओढ़ाकर व माल्यार्पण से अतिथियों का स्वागत किया।विनय जी के जन्मदिन के अवसर पर एग्गलेस केक काटकर, भोजन उपरांत कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

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