Categories
महत्वपूर्ण लेख

समान नागरिक संहिता लाने के लिए सरकार की चाक-चौबंद व्यवस्था और विपक्ष

अजय कुमार

चुनावी वर्ष में समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी का जो राग मोदी सरकार ने छेड़ा है, उस पर विवाद होना लाजमी था। बात टाइमिंग की कि जाए तो यह साफ है कि बीजेपी 2024 के चुनाव में इसे बड़ा मुद्दा बनाना चाहती है। समान नागरिक संहिता के सहारे बीजेपी हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण कराने का प्रयास कर रही है। वहीं मुस्लिम महिलाओं को भी संपत्ति में अधिकार और बहु विवाह प्रथा से मुक्ति दिलाने का वायदा करके उनको अपने साथ लाने को प्रयासरत है।

राम मंदिर निर्माण शुरू होने और धारा 370 खत्म होने के बाद अब बीजेपी समान नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण कानून के जरिए 2024 का चुनावी किला फतह करने की रणनीति पर काम कर रही है। समान नागरिक संहिता को लेकर बीजेपी ने बड़ी रणनीति बनाई है। बीजेपी की कोशिश है कि 2024 के पहले समान नागरिक संहिता और जनसंख्या नियंत्रण कानून पर देश भर में बहस शुरू हो जाए और ये बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन जाए। आगामी मानसून सत्र में भी यूसीसी को लेकर हंगामा होने के प्रबल आसार हैं। संभवतः बीजेपी की रणनीति का यह हिस्सा है क्योंकि बीजेपी अब इन दोनों मुद्दों पर संसद से लेकर सड़क तक की रणनीति पर काम करती हुई नजर आ रही है।

समान नागरिक संहिता को अमली जामा पहनाने के लिए बीजेपी ने तीन स्तर की तैयारी की है। पार्टी सूत्रों की मानें तो संसद में अपने सांसदों के जरिए इस मुद्दे को उठवा कर विपक्ष के रुख का बीजेपी टेस्ट करायेगी। इससे पता चलेगा कि विपक्ष विरोध के लिए एकजुट हो पा रहा है या नहीं। साथ ही यह भी जाना जा सके कि विपक्ष किस हद तक इन मुद्दों का विरोध कर रहा है। लोकसभा और राज्यसभा में बीजेपी ने पिछले सत्रों में अपने ऐसे सांसदों से इस मुद्दे पर प्राइवेट मेंबर बिल पेश करवाया जो बहुत हाई प्रोफाइल नहीं हैं। लोकसभा में निशिकांत दुबे और रवि किशन ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का मुद्दा उठाया तो राज्यसभा में राजस्थान के बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा ने समान नागरिक संहिता पर प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया था। अभी बीजेपी के कई और सांसद यूसीसी और जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे को सदन में उठाएंगे।

बताया जा रहा है कि देशभर के सभी राज्यों में संघ के अलग-अलग संगठनों के साथ मिलकर बीजेपी के कार्यकर्ता सभी जिलों में कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपकर समान नागरिक संहिता की मांग करेंगे। इसके लिए बीजेपी हस्ताक्षर अभियान भी चलाएगी, जिसमें वह विश्व हिंदू परिषद और दूसरे हिंदू संगठनों का भी सहयोग लेगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस मुद्दे पर बीजेपी ने 100 करोड़ हस्ताक्षर कराने का भी लक्ष्य तय किया है, जिससे ये साबित किया जा सके कि पूरा देश समान नागरिक संहिता की मांग कर रहा है।

Comment:Cancel reply

Exit mobile version