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उगता भारत न्यूज़

डा. संजीव कुमारी की पुस्तक ‘शिव पुरोहित: जंगम’ का स्थानेश्वर महादेव मंदिर में विमोचन

  • महामंडलेश्वर 1008 स्वामी विद्या गिरि जी महाराज एवं महंत बंशी पुरी जी महाराज ने किया विमोचन।
    • कुरुक्षेत्र 27 जून : हरियाणा की प्रसिद्ध लेखिका डॉ. संजीव कुमारी की कलमबद्ध की गई पुस्तक ‘शिव पुरोहित: जंगम’ का आज कुरुक्षेत्र के महाभारतकालीन प्राचीन स्थानेश्वर महादेव मंदिर में महामंडलेश्वर 1008 स्वामी विद्या गिरी जी महाराज व महंत बंशीपुरी जी महाराज के कर कमलों द्वारा विमोचन किया गया।
      यह पुस्तक अपने आप में अनूठी तरह की पहली पुस्तक है जो जंगम पर लिखी गई है। जंगम को शिव पुरोहित के रूप में जाना जाता है। जंगम अनादि काल से ही शिव महिमा गाते आ रहे हैं। यह गायन आज तक लिपिबद्ध नहीं हो पाया, जिसके कारण यह कथा विलुप्त होने की कगार पर है। ऐसी स्थिति में लेखिका ने यह पुस्तक लिखकर इसे संजोने का कार्य किया है। लेखिका इसके लिए बधाई की पात्र है। 118 पृष्ठों की इस पुस्तक में लेखिका ने गौरा जन्म, कलयुग कथा, शिव विवाह व शिव द्वारा गौरा को अमर कथा सुनाने तक का विस्तार से वर्णन है।
      महामंडलेश्वर स्वामी विद्यागिरी जी ने डा. संजीव कुमारी को सम्मानित करते हुए कहा कि वे निरंतर इस प्रकार ही अध्यात्म से संबंधित विषयों पर कार्य करती रहे। महंत बंशीपुरी जी ने पुस्तक लेखन के लिए लेखिका को बधाई दी व पटका पहना कर सम्मानित किया। महंत गोविंद जंगम ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने बहुत ही नेक कार्य किया है। पुस्तक के लेखन में अहम भूमिका निभाने वाले राममेहर जंगम ने लेखिका को धन्यवाद देते हुए कहा कि शिव कृपा से ही वे इस नेक कार्य को करने में सफल रहे व उन्हें आशीर्वाद दिया। षड्दर्शन साधु समाज के संगठन सचिव वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक ने लेखिका को सम्मानित का शुभकामनाएं प्रेषित की व पंडित सुरेश मिश्रा पीठाध्यक्ष दुर्गा देवी मंदिर पिपली एवं श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा के महंत गुरुभगत सिंह ने लेखिका को सम्मानित किया। इससे पहले भी लेखिका कई पुस्तके लिख चुकी हैं, जिसमें से उनकी चार पुस्तकें इन्डिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज हैं। श्रावण मास आने से पहले शिव महिमा पर पुस्तक आने पर चारों और खुशी का माहौल है। इस अवसर पर श्री बनवारी लाल ढाणी पाल, सानवी, महंत महेश पुरी, महंत लक्ष्मी नारायण पुरी, स्वामी रोशन पुरी, स्वामी शिवानंद व स्वामी रंगनाथ पुरी अन्य मौजूद रहे।

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