मालवीय जी की 151वीं जयंती

दिसंबर 2012 जानने योग्य तथ्य
-आपने 1915 में हिंदू महासभा को हरिद्वार अधिवेशन में अखिल भारतीय स्तर का संगठन बनवाया।
-आप 1915-1937 में संगठन के 6 बार राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे।
-आपने कहा था कि हिंदू भय छोड़कर वीर और बलवान बनें। अपने बचाव के लिए सैनिक शिक्षा प्राप्त करें।
-आपने 1923 में भारतीय हिंदू शुद्घि सभा की स्थापना की।
-आपने 1936 में हिंदू महासभा को मजबूत करने के लिए एक करोड़ रूपये इकट्ठा करने का संकल्प लिया था।
-आपने 1938 में हिंदू महासभा को वीर सावरकर द्वारा राजनीति दल घोषित करने पर आप इससे अलग हो गये और कांग्रेस का कार्य करने लगे।
-आपने कहा था कि हिंदू उन मुस्लिमों के लिए सहिष्णु कदापि न बनें जो हिंदुओं को शांति पूर्वक रहते नही देखना चाहते हैं।
-आप रात दिन हिंदुओं की दुर्दशा पर घुलने गले। वे हर क्षण इसी विचारमें मग्न रहते कि हिंदुओं की रक्षा कैसे हो?
-वे एकांत में हिंदुओं के उत्पीडऩ पर नौ नौ धार आंसू बहाकर रोते रहते थे।
-12 नवंबर 1946 को हिंदुओं की दुर्दशा पर आंसू बहाते बहाते आपका स्वर्गवास हो गया।
अब हम मालवीय जी को देश व हिंदू की दशा बताते हैं। जो इस प्रकार है-
-14-8-1947 को लगभग 3.5 लाख वर्गमील भूमि देकर दो मुस्लिम देश पश्चिम व पूर्व में बनाये गये। मारकाट में दस लाख हिंदू मरे और करोड़ों शरणार्थी बने।
-यह शुक्र है कि आपने मारकाट और लाशों के ढेर नही देखे वरना आपका हार्ट फेल हो जाता।
-नेहरू गांधी ने तीन करोड़ मुस्लिमों को भारत में ही रहने दिया और उन्हें विशेषाधिकार देकर शेर बना दिया।
-65 वर्षों के बाद देश की वही दशा हो गयी है जो 1946 में आपके जीवन काल में थी।
-देश में हिंदू का वातावरण है। ईसाई मुस्लिम संगठन सक्रिय होकर हिंदू की दुर्दशा कर रहे हैं।
-हिंदू का प्रतिशत 88 से घटकर 81 रह गया है।
-हिंदू महासभा मृत संगठन हो गया है। यदि आप 1938 से हिंदू महासभा में सक्रिय रहते तो 1947 में कांग्रेस की सरकार नही बन पाती।
उसे हिंदू महासभा का सहयोग लेने के लिए बाध्य होना पड़ता तब कांग्रेस व हिंदू महासभा की संयुक्त सरकार बनती तब आपका स्वप्न पूरा होता।
कालीचरन आर्य

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