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महत्वपूर्ण लेख

अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी की गाड़ी कभी नहीं पलटेगी*

विधर्मियों का राज पहले जैसा ही /प्यादे पर वाहवाही क्यों ?

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आचार्य विष्णुगुप्त

अतिक अहमद का अपराधी बेटा और पत्नी अभी तक फरार है। न तो ये पकड़ गये और न ही इनकी गाड़ी पलटी। रोज-रोज योगी के अधिकारी मशालेदार खबर मीडिया को उड़ाते हैं और अतिक अहमद को सबक सिखाने की झूठी वीरता दिखाने की कोशिश करते हैं। पर किसी की हिम्मत नहीं है कि अतिक अहमद के बेटा और पत्नी की गिरफ्तारी और उन पर कार्रवाई करने की विफलता पर प्रश्न उठा सके। अतिक अहमद की गाड़ी पलटी क्यों नहीं? क्या गुजरात से लेकर उत्तर प्रदेश की सड़कें आसमान जैसी थी, क्या कहीं उबड़-खाबर नहीं थी? राष्टवादी भी सिर्फ और सिर्फ योगी की वाह-वाही में लगे हुए हैं।
उमेश पाल की हत्या में सीधे तौर पर अतिक अहमद और उसकी पत्नी और बेटे की संलिप्तता है। डिजिटल प्रमाण भी मौजूद है। योगी की पुलिस कहती है कि उमेश पाल को गोली मारने वाला अतिक अहमद का बेटा ही है। उमेश पाल की हत्या योगी सरकार के लिए एक चुनौती ही नहीं बल्कि सीधे तौर युद्ध की घोषणा थी। अतिक अहमद को क्या पता नहीं था कि योगी जैसे मुख्यमंत्री के राज में वह इस तरह की लोमहर्षक घटना को अंजाम दे रहे हैं? उसे मालूम था कि योगी का राज है और योगी की अपराध के प्रति कठोर नीति है फिर भी उसने घटना को अंजाम दिलाया।
योगी की सरकार अतिक अहमद के खिलाफ कौन सी वीरता दिखायी? सिर्फ डाइवर और एक अन्य छोटे अपराधी का एनकांउटर हुआ। डाइवर और छोटे अपराधी के एनकाउंटर से कोई बड़ा संदेश नहीं जाता है। अगर योगी की पुलिस अतिक अहमद के बेटे और पत्नी पर कार्रवाई करती है और उन्हें सबक सिखाती तो फिर संदेश कडा जाता।
सिर्फ अपराधियों की संपत्तियांें पर बुलडोजर चलाने मात्र से विधर्मी अपराधियों को सबक नहीं मिलेगा। आप यह बताइये कि छोटे प्यादे का एनकाउंटर तो हुआ पर क्या किसी बड़े प्यादे का एनकाउंटर हुआ है? बडे प्यादों को जेलों में रखकर मेहमानबाजी की जा रही है।
चंदन गुप्ता सहित कई उदाहरण पडे हुए हैं जिसमें विधर्मियों की पौबारह है। चंदन गुप्ता का परिवार को न तो मुआबजा मिला और न ही सम्मान। उसकी मूर्ति भी पिछले पांच साल अनवरण के लिए रखी हुई है। अब विधर्मी चंदन गुप्ता के परिवार को भी मारने की धमकी दे रहे हैं।
योगी जी के गोरखपुर मंदिर में विधर्मियो की दर्जनों दुकानें है, जहां पर ये जिहादी गतिविधियां करते हैं। मदरसों का धंधा भी जोरों पर चल रहा है, मदरसों का अनुदान जारी है। हर शहर में सड़कों पर विधर्मियों का कब्जा अखिलेश मायावती राज की तरह ही कायम है। इसके अलावा भी

बहुत सारे उदाहरण हमारे पास है जिसमें योगी की वीरता नहीं बल्कि कायरता सामने है। विधर्मियो की कमर तोड़ने में योगी की विफलता चिंताजनक है।

आचार्य श्री विष्णुगुप्त
New Delhi

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