विक्रमी संवत् 2079 एवं सृष्टि संवत् 1,96,08,53,123 का आज अन्तिम दिन, कल से नये संवत्सरों का आरम्भ”

ओ३म्

-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून।

आज दिनांक 21-3-2023 विक्रमी सम्वत् 2079 का अन्तिम दिवस है। कल से नया विक्रमी संवत् 2080 आरम्भ हो रहा है। इसी प्रकार से आज सृष्टि के आरम्भ वा प्रथम दिवस से प्रचलित सृष्टि सम्वत् 1,96,08,53,0123 का भी अन्तिम दिवस है और कल से नया सृष्टि संवत्सर आरम्भ हो रहा है। जब हम विक्रमी सम्वत् 2079 पर दृष्टि डालते हैं तो हमें स्मरण आता है कि हमने इस वर्ष में प्रत्येक दिन एक सामवेद मन्त्र का डा. आचार्य रामनाथ वेदालंकार जी का किया हुआ मन्त्र का पदार्थ एवं भावार्थ फेस बुक व व्हटशप के अपने लगभग 800 मित्रों सहित व्हटशप के लगभग 80 समूहों में भी प्रतिदिन प्रेषित व प्रचारित किया है। इसके साथ ही सप्ताह में एक व दो दिन व अधिक भी ऋषि दयानन्द, आर्यसमाज व वैदिक मान्यताओं पर एक या दो लेख लिखकर फेसबुक, इमेल व व्हटशप पर भेजने सहित आर्यसमाज की पत्रपत्रिकाओं एवं कुछ समाचार नैट की साइटों को भी प्रेषित करते रहे हैं जहां समय समय पर इनका प्रकाशन होता रहा है। इस अवधि में आर्यसमाज एवं इतर अनेक पत्र पत्रिकाओं में हमारे लेख प्रकाशित हुए हैं जिनमें आर्यजगत, आर्यमर्यादा, आर्य मित्र, युवा उद्घोष, दयानन्द सन्देश, टंकारा समाचार, आर्ष ज्योति, पवमान, आर्य प्रतिनिधि, वैदिक राष्ट्र आदि पत्र-पत्रिकाएं सम्मिलित हैं।

हमने विक्रमी सं. 2079 में वैदिक साधन आश्रम तपोवन के पांच दिवसीय ग्रीष्मोत्सव एवं शरदुत्सव में भी भाग लिया। आश्रम द्वारा प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में सामवेद पारायण एवं गायत्री महायज्ञ का लगभग 10 दिवसीय आयोजन किया जाता है। इस यज्ञ में भी हम अपनी सुविधानुसार एक व अधिक दिन उपस्थित हुए हैं और उनके विस्तृत विवरण वा समाचार लिखकर फेसबुक व व्हटशप आदि के द्वारा प्रचारित किए हैं। इसी प्रकार हम गुरुकुल पौंधा एवं द्रोणस्थली कन्या गुरुकुल के वार्षिकोत्सव में भी सम्मिलित हुए हैं और यहां हमने जो देखा व सुना, उसे भी फेसबुक एवं व्हटशप आदि के माध्यम से प्रचारित किया है। यद्यपि वर्ष भर हम शारीरिक दुर्बलता से ग्रस्त रहे तथापि हम कभी-कभी आर्यसमाज धामावाला के सत्संग एवं उत्सव आदि में सम्मिलित होते रहे हैं और यहां सुने आर्य विद्वानों के सम्बोधनों को लेख के माध्यम से प्रचारित व प्रसारित किया है। देहरादून में वैदिक साधन आश्रम तपोवन के मंत्री श्री प्रेम प्रकाश शर्मा जी अपने निवास पर प्रत्येक वर्ष सितम्बर के महीने में एक वेद का पारायण यज्ञ कराते हैं। इस आयोजन में अनेक विद्वानों के प्रवचन एवं भजन आदि भी होते हैं। यह क्रार्यक्रम भी आर्यसमाज के उत्सव जैसा ही होता है। शर्मा जी अपने निवास दून-वाटिका उपनिवेश में एक शोभा यात्रा भी निकलते हैं। हमें भी इस शोभायात्रा एवं पारायण यज्ञ में कुछ समय के लिये भाग लेने का अवसर मिला है। ऐसे कुछ अन्य आयोजनों में भी हमने भाग लिया जिससे हमें विद्वानों एवं ऋषिभक्तों की संगति करने का अवसर मिला एवं वेद एवं ऋषि दयानन्द सहित आर्यसमाज की मान्यताओं पर विद्वानों के विचारों को सुननेका अवसर भी मिला है। अनेक भजनोपदेशकों को भी हमने इस वर्ष सुना है। इससे भी हमें आत्मिक लाभ हुआ है। टंकारा में फरवरी 2023 में जो बोधोत्सव का आयोजन हुआ, उसे हमने आर्यसन्देश टीवी के माध्यम से देखा व सुना। इसी प्रकार ऋषि दयानन्द के 200 वें जन्म दिवस 12 फरवरी, 2023 के अवसर पर दिल्ली में आयोजन, जिसमें देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी सम्मिलितहुए थे, उस कार्यक्रम को हमने आर्यसन्देश टीवी पर देखा व सुना।

इस वर्ष हम वैदिक साधन आश्रम तपोवन की मासिक पत्रिका पवमान के सम्पादन कार्य से भी जुड़े रहे। बीच बीच में तपोवन तथा गुरुकुल पौंधा जाते रहे। इसका भी हमें सन्तोष है। हमने यह जो कुछ किया उसमें ईश्वर की प्रेरणा, उसकी दी हुई शक्ति व सामथ्र्य और हमारी अभिरूचि कारण रही है। हम जीवन की इस छोटी सी उपलब्धि से सन्तुष्ट हैं। यदि हमारा स्वास्थ्य और अच्छा होता तो हम टंकारा, अजमेर एवं उदयपुर के कार्यक्रमों में जाने की भी इच्छा रखते थे, परन्तु जा नहीं सके। यदि स्वस्थ रहते और अधिक कार्य करते जो कि नहीं कर सके। इन सब कार्यों जो हम कर सके, को करने के लिए हम ईश्वर का धन्यवाद करते हैं। परमात्मा की कृपा से हमारा विक्रमी संवत् 2079 एवं सृष्टि संवत 1,96,08,53,123 का समय अच्छा व्यतीत हुआ है। इस वर्ष हमें हमारे अनेक आर्य मित्रों का भी भरपूर सहयोग मिला है। ईश्वर सहित सभी मित्रों एवं परिजनों का कोटिशः धन्यवाद है।

इसी के साथ हम आज विक्रमी संवत् 2079 को विदाई देते हैं और आगामी विक्रमी सम्वत् 2080 एवं सृष्टि संवत् 1,96,08,53,124 का स्वागत करते हैं। सभी मित्रों को आगामी नववर्ष वा संवत्सर की हार्दिक शुभकामनायें।

-मनमोहन कुमार आर्य

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