Dr D K Garg

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*विष्णु के  चारभुजा से क्या तात्पर्य है?*

विष्णू का वाहन गरुड़ का तात्पर्य?

विष्णु उस राजा को भी कहते हैं जिस राजा के यहां चारभुज होते हैं।एक भुज में पदम, दूसरे में गदा ,तीसरे चक्र और चैथे में शंख होता है।
पदम नाम सदाचार और शिष्टाचार का है ।गदा नाम क्षत्रियों का है। चक्र नाम संस्कृति का है और शंख नाम वेद ध्वनि का है। जिस राजा के राज में शिष्टाचार सदाचार, छत्रिय , संस्कृति और वेद की ध्वनि होती है वही चतुर्भुज वाला कहा जाता है । इस प्रकार चतुर्भुज की भी एक उपाधि होती थी ।जिसमें यह चारों गुण होते थे उसको चार भुजाओं वाला कहते थे।
राम के राज्य में सदाचार ,शिष्टाचार , छत्रिय, संस्कृति और वेद की ध्वनि चारों पर्याप्त मात्रा में थे इसलिए उसको रामराज्य कहा जाता है । इसलिए उनको विष्णु कहा जाता है।
ऽ विष्णु का वाहन गरुड़
विष्णु के बाद उसके वाहन पर विचार करते हैं। विष्णु का वाहन क्या है?
विष्णु का वाहन गरुड़ बताया जाता है। गरुड़ की कल्पना करना हमारे लिए असंभव हो जाता है ।परंतु जब उसका वास्तविक स्वरूप हमारे समझ में आना प्रारंभ हो जाता है तो हम यह कहा करते हैं कि वास्तव में उनके विज्ञान की उड़ान कितनी विशाल रही है। भगवान विष्णु महान और पवित्र कहलाए गए। क्योंकि विष्णु नाम परमात्मा को भी कहा गया है परंतु सतयुग में विष्णु नाम एक उपाधि को भी प्रदान किया जाता था। उसका वाहन रहता था। जैसे परमपिता परमात्मा को, एक चेतना को, एक सर्वव्यापक को विष्णु कहा जाता है ।
ऐसे विष्णु का वाहन क्या है ?
तो उनका ज्ञान स्वरूप होना ही है। क्योंकि गरुड़ नाम ज्ञान और विज्ञान की प्रतिभा को कहा जाता है।
स्पष्ट हुआ की गरुड़ कोई पक्षी नहीं है। बल्कि ज्ञान विज्ञान की प्रतिभा को गरुड़ कहा जाता है।
सतयुग में जिस व्यक्ति के पास ज्ञान ,विवेक ,जय और विजय ,ज्ञान -विज्ञान की प्रतिभा होती थी और जो अपनी इस प्रतिभा के कारण उड़ान भरता था,जो अपने हृदय में ज्ञान की आहुति देकर विवेक को जगाता था, वह विष्णु की उपाधि को प्राप्त करता था।
गरुड़ विष्णु के यहां बहुत बड़े महा वैज्ञानिक को कहा जाता था। इसी गरुड़ की उड़ान ज्ञान की कल्पनाएं ध्रुव मंडल से लेकर जेष्ठा नक्षत्र से आकाशगंगा तक विचरण करती थी। उनके विज्ञान की उड़ान बहुत ही विचित्र तथा भव्य होती थी।

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