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राजनीतिक उथल – पुथल से भरा रहा यह वर्ष !

  • डॉ. भरत मिश्र प्राची
    वर्ष 2022 कोरोना महामारी से मुक्त रहा जिसका परिणाम यह रहा कि हर क्षेत्र में चहल – पहल बरकरार रही। कोरोना के भय से विगत दो वर्षो तक जो पर्व-,त्योहार,, शादी – समारोह , मिलने – जुलने आदि जो भी कार्यक्रम स्थगित रहे, इस वर्ष खुलकर लोगों ने आनन्द लिया। बंद पड़ी जिंदगीं एक बार फिर सजीव हो चली। इसके साथ हीं राजनीतिक चहल – पहल भी कम नहीं रही। देश में दिल्ली नगर निगम, गोवा, उत्तराखंड,, उत्तरप्रदेश, मणिपुर, पंजाब, गुजरात, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव एवं विधानसभा लोकसभा के उपचुनाव भी हुये जहां कहीं खुशी तो कहीं गम बना रहा। उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, गुजरात में भाजपा की फिर से वापसी हुई तो पंजाब से कांग्रेस सत्ता विहीन हो गई पर हिमाचल में कांग्रेस के हाथ सत्ता आ गई।
    आप ने पंजाब की सत्ता हासिल करते हुये इस बार दिल्ली नगर निगम पर भी अपना कब्जा जमा लिया। गोवा एवं मणिपुर में भी भाजपा सत्ता में आई। सत्ता के लिये चुनाव के दौरान एक दूसरे पर तीखे शब्द भेदी वाण खूब चले, अनर्गल प्रहार होते रहे। सीबीआई, प्रर्वतन निदेशालय, आयकर के छापे आदि देश भर में छाये रहे। चुनाव खत्म होते ही सबकुछ बंद हो गया। राजनीतिक उथल – पुथल से भरा रहा यह वर्ष जहां कई राजनेताओं ने कहीं नाराजगी से तो कहीं अपने हित में दलबदल कर डाले।
    कांग्रेस के लिये भी यह वर्ष उतार चढ़ाव का रहा। कहीं सत्ता हाथ से गई तो कहीं सत्ता हाथ आई। कांग्रेस से कई पुराने दिग्गज राजनेता नाखुश होकर अलग हो गये तो कई को अलग होना पड़ा। इस बदलते परिवेश का चुनाव पर भी प्रतिकूल असर पड़ा जहां पंजाब से कांग्रेस की सत्ता हाथ से चली गई। इस बार कांग्रेस के भीतर लोकतंत्र देखने को मिला जहां कई वर्ष बाद गांधी परिवार से अलग हटकर लोकतांत्रिक तरीके से कांग्रस अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ जिसमें कई कांग्रेस नेताओं के नाम उछलकर बाहर आये, कुछ तो सत्ता कुर्सी के स्वार्थ में अघ्यक्ष पद की दौड़ से स्वयं बाहर हो गये। इस उथल – पुथल में कांग्रेस पद पर लोकतांत्रिक ढ़ंग से हुये चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे विजयी रहे। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक 150 दिनों की भारत जोड़ो यात्रा शुरू की जो दक्षिण भारत से होती हुई उत्तर भारत से गुजरती दिल्ली पहुंच चुकी है। इस दौरान राहुल की इस यात्रा को काफी जनसमर्थन मिला। सबसे ज्यादा लाभ राजस्थान में देखने को मिला जहां कांग्रेस की सत्ता आपसी तालमेल गड़बड़ाने से संकट के बीच गुजर रही थी। वहां इस यात्रा से इस तरह के परिवेश से मुक्ति मिली। आने वाले समय में इस यात्रा से कांग्रेस को राजनीतिक लाभ मिलने के आसार भी नजर आ रहे है।
    वर्ष के अंतराल में चीन में कोरोना महामारी के बढ़ते नये तेवर की खबर ने एक बार फिर से देश में कोरोना की चौथी लहर आने की हलचल पैदा कर दी है जिसके लिये हर स्तर पर सतर्कता बरती जा रही हे। बाहर से आने वाले विदेशी नागरिकों की जांच जारी है। देश में वर्ष के दौरान कोराना बचाव के बूस्टर डोज अधिकांश को लगाये जा चुके है। उम्मीद की जा रही है आने वाला वर्ष भी कोरोना मुक्त रहेगा। राजनीतिक उथल – पुथल के बीच देश की संप्रुभता, आपसी सौहार्द के साथ सभी पर्व त्योहार, मिलन समारोह बेरोक – टोक मनाये जायेंगे। (युवराज)

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