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….देश के पांच शीर्ष विधि विश्वविद्यालयों में शामिल

jodhpur vidh university

राजस्थान का जोधपुर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय देश के पांच शीर्ष विधि विश्वविद्यालयों में शामिल

आई.आई.टी. जोधपुर को 230.73 करोड़ रू. जारी

नई दिल्ली 04 अगस्त, 2014। संसद सत्रा के दौरान सोमवार को राज्यसभा में सांसद श्री नारायण लाल पंचारिया द्वारा पूछे गये आई.आई.टी. जोधपुर और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एन.एल.यू.) जोधपुर की वर्तमान शैक्षणिक स्थिति से संबंधित सवाल के जवाब में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री  श्रीमती स्मृति जूबिन ईरानी ने बताया कि राजस्थान के जोधपुर में स्थित राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की अखिल भारतीय रैंकिग, तीन विधिक पोर्टल अर्थात लीगल इंडिया डाट कॉम, पार्टल, बार एंड़ बंेच पोर्टल और क्लेट पॉस्बिल द्वारा किए गए सर्वेक्षण में पांच वें स्थान पर है। जबकि 2013 के ’एक सर्वेक्षण में आई.आई.टी. जोधपुर को 44 रैंक दी गई है।

श्रीमती ईरानी ने बताया कि मंत्रालय शिक्षा स्तर के उन्नयन के लिए आवश्यक वित्तीय और प्रशासनिक सहायता मुहैया कराते हुए आई.आई.टी, जोधपुर सहित नए आईआईटी की प्रगति की सतत् समीक्षा कर रहा है। जोधपुर संस्थान को 230.73 करोड़ रूपये जारी कर दिए गए है और मंत्रालय द्वारा अब तक 90 संकाय पद स्वीकृत किए गए हैं। संस्थान के 3 उत्कृष्टता केन्द्र हैं और यह स्नातकोत्तर और पीएचडी कार्यक्रमों के अतिरिक्त कम्प्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग, इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, यांत्रिकी इंजीनियरिंग, सिस्टम विज्ञान और जैविकीय प्रेरित सिस्टम विज्ञान में अवर-स्नातक पाठयक्रम संचालित कर रहा है।

उन्होंने कहा कि भारत में एनएलयू जोधपुर ही एक ऐसा विधि विश्वविद्यालय है जो 3 विषयांे अर्थात बी.ए., एलएल.बी (ऑनर्स), बी.बी.ए., एलएल.बी (ऑनर्स) और बी.एस.सी. , एलएल.बी (ऑनर्स) में विधि ऑनर्स कार्यक्रम चला रहा है।

राजस्थान में पिछले पांच वर्षो में पीएम.जी.एस.वाई. के अंतर्गत करीब 12 हजार 250 कि.मी. सड़कों का निर्माण

श्री पंचारिया द्वारा राजस्थान में प्रधानमंत्राी ग्राम सड़क योजना (पीएम.जी.एस.वाई)के अंतर्गत सड़कों के निर्माण से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए ग्रामीण विकास राज्यमंत्राी श्री उपेन्द्र कुशवाहा ने बताया कि वर्ष 2009-10 से वर्ष 2013-2014 के बीच राज्य में प्रधानमंत्राी ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत करीब 12 हजार 250 कि.मी. सड़कों का निर्माण करवाया गया है तथा वर्तमान में मंत्रालय के पास राजस्थान में सड़क निर्माण का कोई परियोजना प्रस्ताव स्वीकृति के लिए लंबित नही है।

सूखे पर केन्द्र सजग

श्री पंचारिया द्वारा राजस्थान में सूखे से संबंधित एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए श्री कुशवाहा ने कहा कि केन्द्र सरकार सूखे की स्थिति को लेकर सजग है तथा सभी राज्यों को निर्देश दिये गये है कि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम (एन.आर.डी.डब्लू.पी) के अंतर्गत राज्यों को प्रचालन एवं रखरखाव  के लिए दी गई निधि के 15 प्रतिशत का उपयोग सूखे को कम करने के विभिन्न उपायों के लिए करें।

राजस्थान सरकार ने सूखे जैसी स्थिति और पेयजल की कमी से निपटने के लिए आपातकालीन योजना तैयार कर ली है तथा उसे केन्द्र सरकार को भेज दिया है। राज्य ने पेयजल के संकट की स्थिति से निपटने के लिए व्यापक कदम उठाए है। हैंड-पंपांे की मरम्मत के लिए गहन अभियान पहले से ही चलाया जा रहा है तथा अप्रेल, 2014 से ग्रामीण क्षेत्रा में 59587 हैंड पंपों की मरम्मत की जा चुकी है। जरूरतमंद क्षेत्रों में सड़क द्वारा जल की ढुलाई की जाती है तथा वर्तमान में राज्य की 4586 ग्रामीण बसावटों में 6998 टैंकरों की प्रतिदिन जल की ढुलाई की जा रही है।

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