शमामा को माध्यम बना मलिक मियां ने बनाई अकूत संपत्ति, फैलाया अरब देशों तक व्यापार

                                        मलिक मियां ने शमामा से जुटाई अकूत दौलत

उत्तर प्रदेश में आयकर विभाग एक्शन मोड में है। पीयूष जैन के ठिकानों पर छापेमारी के बाद आईटी ने एक अन्य इत्र कारोबारी मोहम्मद याकूब पर शिकंजा कसा है। शुक्रवार (31 दिसंबर 2021) को आयकर विभाग की टीम ने मोहम्मद याकूब के यहाँ छापेमारी की थी, जिसमें उन्हें 4 से 5 करोड़ कैश और सोना बरामद हुआ था। शुक्रवार को ही याकूब के साथ-साथ लखनऊ में रहने वाले उसके भाई मोहसीन के यहाँ भी इनकम टैक्स के 4-5 अधिकारी पहुँचे थे। इत्र के सबसे बड़े और पुराने कारोबारियों में गिने जाने वाले मलिक मियाँ के यहाँ भी छापेमारी हुई थी।
पुश्तैनी इत्र और शमामा (खास तरह का कंपाउंड) कारोबार से इस परिवार ने अथाह संपदा बनाई है। वर्ष 1886 से यह परिवार इत्र के व्यवसाय में है। बताया जाता है कि इन लोगों ने फारस देश के कारोबारियों के साथ शमामा बनाने का व्यापार शुरू किया था। यह फर्म इत्र का व्यवसाय कर करोड़ों की संपत्ति बना चुका है।

मलिक मियाँ ने आगे चलकर इस कारोबार को आधुनिक रूप दिया और अपने खुद के नाम से मलिक शमामा बनाया। अरब देशों में इसकी लोकप्रियता बढ़ने पर उन्होंने अपने भाई मोहसिन के नाम से भी मार्केट में मोहसिन शमामा लॉन्च किया था। मौजूदा समय में मलिक शमामा की कीमत डेढ़ लाख रुपए प्रति किलोग्राम है, जबकि मोहसिन शमामा की कीमत करीब 80 हजार रुपए प्रति किलोग्राम है।

मलिक मियाँ की 2016 में लंबी बीमारी के चलते मौत हो गई थी। मोहसिन, फैशन और अब्दुल हामिद उसके भाई हैं। मलिक मियाँ ने दो शादी की थी। उनके पाँच बेटे फौजान मलिक, अब्दुल्ला मलिक, रहमान मलिक, खुर्रम मलिक और छोटे मलिक हैं।

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