दर्द में पेरासिटामोल से भी ज्यादा कारगर है हल्दी

उगता भारत ब्यूरो

हल्दी के फायदों पर पिछले दिनों हुई एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि अगर कोई इंसान दर्द में जल्दी आराम पाने के लिए पैरासिटामोल और आईबूप्रोफेन की जगह हल्दी लेता है तो यह ज्यादा फायदेमंद होता है। भारतीय घरों में होने वाले देसी इलाजों का फायदा अब दुनियाभर के डॉक्टर और विशेषज्ञ भी मानने लगे हैं। चोट, मोच या फिर बुखार में हल्दी को घरों में दवाई से पहले दिया जाता है, क्योंकि ज्यादातर मांओं का मानना है कि दर्द में हल्दी ज्यादा फायदेमंद होती है। हल्दी के फायदों पर पिछले दिनों हुई एक रिसर्च में खुलासा हुआ है कि अगर कोई इंसान दर्द में जल्दी आराम पाने के लिए पैरासिटामोल और आईबूप्रोफेन की जगह हल्दी लेता है तो यह ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है।
हल्दी का नहीं कोई दुष्प्रभाव
खास बात यह है कि दर्द में लेने वाली दवाओं के दुष्प्रभाव हो सकते हैं लेकिन हल्दी के शरीर पर कोई नुकसान नहीं होता है। मिलान स्थित एक प्रमुख दवा निर्माता कंपनी के शोध में पता चला है कि खेल के दौरान लगने वाली चोट या मोच में हल्दी दर्द निवारक दवा जितनी ही कारगर साबित हो सकती है। शोध में पता चला है कि हल्दी चोट को रिकवर करने में भी सहायक साबित हो सकती है।
हड्डी और मांसपेशियों के दर्द में भी फायदेमंद
शोधकर्ताओं का मानना है कि हल्दी, हड्डी और मांसपेशियों के दर्द में भी काफी फायदेमंद होती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि हल्दी में पाए जाने वाले तत्व करक्यूमिन से तैयार उत्पाद हड्डी के लिए काफी फायदेमंद है। शोध से पता चलता है कि हल्दी कोलेस्ट्रॉल को कम करती है जिससे हृदय संबंधी रोग होने का खतरा कम हो सकता है। हल्दी त्वचा की रंगत बनाने में मदद करती है।
हल्दी के आदत बनाती है आपको हेल्दी
सर्दी के मौसम में कच्ची हल्दी जायका बढ़ाने के साथ-साथ सेहत भी संवारती है। यह एंटीऑक्सीडेंट है जो कैंसर से बचाव कर रक्त विकारों को दूर करती है। इसके और भी कई फायदे हैं। गर्म दूध में कच्ची हल्दी उबालकर पीने से मधुमेह यानी डायबिटीज में लाभ मिलता है। बता दें कि हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण पाया जाता है। ऐसे में यदि मधुमेह रोगी प्रतिदिन किसी न किसी रूप में हल्दी का प्रयोग करते हैं तो उसके घाव जल्दी भरते हैं।
अस्थमा में फायदेमंद है हल्दी
अस्थमा पीडि़तों के लिए आधा चम्मच शहद में एक चौथाई चम्मच हल्दी मिलाकर खाने से लाभ मिलता है। अंदरुनी चोट लगने पर एक गिलास गर्म दूध में एक चम्म च हल्दी मिलाकर पीने से दर्द और सूजन में राहत मिलती है। चोट पर हल्दी का लेप लगाने से भी आराम मिलता है। जुकाम या खांसी होने पर दूध में हल्दी पाउडर डालने या कच्ची हल्दी उबालकर पीने से लाभ होता है। हल्दी की छोटी गांठ मुंह में रखकर चूसें इससे बार-बार खांसी नहीं उठती।
हल्दी में पाए जाते हैं कई पोषक तत्व
हल्दी में उडऩशील तेल, प्रोटीन, खनिज पदार्थ, कारबोहाईड्रेट आदि के कुर्कुमिन नामक एक महत्वपूर्ण रसायन के अलावा विटामिन भी पाए जाता है। हल्दी मोटापा घटाने में सहायक होती है। हल्दी में मौजूद कुर्कुमिन शरीर में जल्दी घुल जाता है। यह शरीर में वसा वाले ऊतकों के निर्माण को रोकता है। यदि दर्द जोड़ों का हो तो हल्दी चूर्ण का पेस्ट बनाकर लेप करना चाहिए। मोच आने या भीतरी चोट के दर्द से निजात पाने के लिए गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीना फायदेमंद है। यदि मुंह में छाले हो जाएं तो गुनगुने पानी में हल्दी पाउडर मिलाकर कुल्ला करें या हलका गर्म हल्दी पाउडर छालों पर लगाएं, इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं।

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