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कविता

देश हमारा

  संजय पंकज


देश हमारा हमको प्यारा
इस पर अर्पित जीवन सारा
पूरब पश्चिम उत्तर दक्षिण
एक लगाया हमने नारा
देश हमारा, देश हमारा!

अपने नारे फरियाद हुए
इसके बल पर आजाद हुए
कोटि-कोटि कंठों से उमड़े
जन-गण-मन जिंदाबाद हुए
पुरखों ने जो दिया सहारा
उसके बलपर कभी न हारा
देश हमारा, देश हमारा!

नानक तुलसी सूर कबीरा
रहिमन खुसरो दादू मीरा
जगनिक दलपति चंदर भूषण
देश – लेखनी यह बलबीरा
इनके बूते विश्व – सितारा
अपना भारत सबसे न्यारा
देश हमारा, देश हमारा!

आजादी की धधकी ज्वाला
देश हुआ अपना मतवाला
सुखदेव भगत औ’ राजगुरू
तिलक गोखले गांधी लाला
घर – घर से वासंती धारा
निकला आया राज दुलारा
देश हमारा, देश हमारा!

मुझे खून दो आजादी लो
अपनी फिर गौरव गादी लो
हुई मुनादी संग चलो सब
अपनी थाती बुनियादी लो
नेताजी का सुर उजियारा
गया फिरंगी तम-हरकारा
देश हमारा देश हमारा!

रामायण गीता की वाणी
सर्व लोक की है कल्याणी
जहां कृष्ण की बंसी गूंजी
सियाराम की अमर कहानी
धरती-अंबर शिवजयकारा
पौरुष का रागी अंगारा
देश हमारा, देश हमारा!
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‘शुभानंदी’
नीतीश्वर मार्ग, आमगोला
मुजफ्फरपुर-842002
मोबाइल 6200367503
ईमेल dr.sanjaypankaj@gmail.com

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