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श्रावणी वेद प्रचार ऋषि परंपरा –शास्त्री विनोद आर्य (आर्य समाज बड़गांव का सामवेद परायण महायज्ञ संपन्न)

गोंडा 26 अगस्त 2021 स्त्री आर्य समाज मालवीय नगर गोंडा में ऋषि परंपरा के अनुसार श्रावणी पर्व का आयोजन 25 अगस्त से 30 अगस्त 21 तक वैदिक प्रवक्ता पंडित विमल कुमार आर्य एवं गुरुकुल के ब्रह्मचारी सुमित आर्य कुलदीप, एवं प्रदीप आर्य भजनो उपदेशक के माध्यम से प्रारंभ हुआ प्रथम दिवस के यजमान प्रधाना अनीता राजपाल एवं द्वितीय दिवस सत्यवती रही कार्यक्रम का संचालन मंत्राणि सुश्री विनय आर्या एवं कोषाध्यक्ष मीना गुप्ता ने किया इस अवसर पर माया मिश्रा, राधिका उर्मिला, तिवारी ममता, पांडे सुमन तिवारी, मोहिनी यज्ञ सैनी, तृप्ति आर्या,मीरा गुप्ता, नीलिमा मिश्रा, सुधा तिवारी, इंदिरा आर्य, अंबिका देवी, लक्ष्मण सिंह, एवं जिला आर्य प्रतिनिधि सभा गोंडा प्रधान शास्त्री विनोद आर्य ने श्रावणी पर्व पर भजनो के माध्यम से श्रावणी की महत्वा बताई। उधर 21 अगस्त21 से 24 अगस्त तक आर्य समाज बड़गांव में अपने 66वें श्रावणी महोत्सव पर सामवेद परायण महायज्ञ का आयोजन किया जिसे पं० विमल कुमार आर्य वैदिक प्रवक्ता ने संपन्न कराया जिसके यजमान शास्त्री विनोद आर्य एवं तृप्ति आर्या रही आर्यसमाज यमलाआर्जुन पृथ्वीराज सिंह आर्य समाज गजाधरपुर के सुखी राम आर्य, मनोज कुमार पवन शुक्ला,डॉ प्रियंका, इ० प्रज्ञा शिवम एडो०, डॉ० शुभम, धर्मेंद्र कुमार आदि प्रमुख लोगो ने आयोजन को सफल बनाने में अपना पूर्ण सहयोग दिया आचार्य विमल आर्य ने कहा कि जीवन के चार की मुख्य आधार हैं धर्म अर्थ काम मोक्ष जिसके लिए परमात्मा ने दस इंद्रियां के साथ मन जीवात्मा के रूप में संचालन हेतु दिया आर्य समाज के संस्थापक महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती ने सत्यार्थ प्रकाश नामक पुस्तक के माध्यम से चारों वेदों का मूल सार को उद्धृत करते हुए मानव कल्याण हेतु रचा। फिरंगी से देश आजाद कराने के लिए क्रांतिकारियों का प्रेरणास्रोत ग्रंथ बना वेद के अनुसार परमेश्वर निराकार है और उसी की उपासना ही श्रेयस्कर है सत्य सनातन वैदिक धर्म के अनुसार महर्षि ने एक ईश्वर एक अभिवादन से ही धर्म व राष्ट्र की रक्षा की जा सकती है। भारत अपने पुराने गौरव ‘आर्यव्रत’ का सपना कृण्वंतो विश्वमार्यम् से ही साकार कर सकता है । शास्त्री विनोद आर्य ने आए हुए सभी अतिथियों एवं विद्वानों का सभा की ओर से स्वागत व अभिनंदन किया।

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