आईएसआई ने रची दरभंगा में बम ब्लास्ट की साजिश : करोड़ों की हुई फंडिंग

 जिस कैराना से हुआ था हिन्दुओं का पलायन, वहाँ से 2 आतंकी गिरफ्तार

 

                       दरभंगा में हुए बम ब्लास्ट के तार पाकिस्तान से जुड़े (फोटो साभार; लाइव हिंदुस्तान)
बिहार के दरभंगा में हुए बम ब्लास्ट के तार पाकिस्तान से जुड़ रहे हैं और इसके पीछे वहाँ की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI की साजिश भी सामने आ रही है। इस मामले में STF ने उत्तर प्रदेश के शामली स्थित कैराना से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जिनसे पूछताछ जारी है। बिहार में हुए इस बम ब्लास्ट में पश्चिमी यूपी के सलीम और कासिम की भूमिका बताई जा रही है। इस ब्लास्ट के लिए करोड़ों रुपयों की फंडिंग हुई है। 

ऐसे प्रश्न यह हो रहा है कि एक तरफ केंद्र सरकार आतंकवादी गतिविधियों पर पैनी नज़र रखने का दावा किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ बम धमाकों के तार पाकिस्तान से क्यों जुड़ रहे हैं? कौन हैं इनके संरक्षक? क्यों नहीं उनको दण्डित किया जाता?

तेलंगाना के एक आतंकी को इस बम ब्लास्ट का ठेका दिया गया था। NIA (राष्ट्रीय जाँच एजेंसी) और ATS (आतंकरोधी दस्ता) इस मामले की जाँच कर रही है। कफील के पिता ने मीडिया के सामने आकर कहा है कि उनके बेटे को बेवजह फँसाया जा रहा है। सलीम ने एक पाकिस्तानी युवक की मदद से ISI से संपर्क किया था। ISI एजेंट ने पश्चिमी यूपी में धमाके के लिए उससे बात की। सलीम ने अपने दोस्त कासिम उर्फ़ कफील को इस वारदात में शामिल किया।

 

फिर दोनों ने तेलंगाना के सिकंदराबाद के कुछ युवकों के साथ मिल कर धमाके की साजिश रची। सुरक्षा एजेंसियाँ दोनों का पुराना रिकॉर्ड खँगाल रही है। ISI की फंडिंग के नेटवर्क की तह तक जाने के लिए कई बैंक खातों के भी डिटेल्स खँगाले जा रहे हैं। ISI की आगे भी ऐसी कोई साजिश हो सकती है। कैराना से हिन्दुओं के पलायन की बात भी सामने आई थी, वहीं अब वहाँ ISI कनेक्शन की खबर मिली है।

पश्चिमी यूपी में धमाके की साजिश दरभंगा कैसे पहुँच गई, इसका भी पता लगाया जा रहा है। जून 17, 2021 को दरभंगा रेलवे जंक्शन पर हुए ब्लास्ट का बम एक कपड़े की गठरी में रखा हुआ था। पार्सल भेजने वाले का नाम-पता ‘सूफियाना, निवासी सिकंदराबाद’ लिखा हुआ था। उस पर लिखा मोबाइल नंबर कैराना के ही एक व्यक्ति का था। NIA की लखनऊ यूनिट ने इस ब्लास्ट को लेकर FIR दर्ज की है।

NIA की 6 सदस्यीय टीम मामले की जाँच के लिए बिहार पहुँची है। कपड़े की गाँठ में ही रह जाने के कारण इस केमिकल बम का उतना बड़ा असर नहीं हुआ था। पार्सल बुक करने वाले नंबर से जिस नंबर की बात हो रही थी, वो भी दरभंगा रेलवे स्टेशन पर सक्रिय था। फ़िलहाल ये नंबर नेपाल से सटे इलाकों में सक्रिय आ रहा है। जल्द ही इस मामले में कई अन्य आतंकियों की गिरफ्तारी हो सकती है, जिससे सारे राज़ खुल सकेंगे।

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