कन्या गुरुकुल मातृछाया सेवा आश्रम व मैत्रेयी कन्या गुरुकुल लक्सर उत्तराखंड को करें सहयोग

ओ३म्

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आदरणीय धर्म प्रेमी आर्य श्रेष्ठ सज्जनों!

आप सभी जानते हैं कि करोना काल में परिस्थितियां अनुकूल नहीं है। दान के माध्यम से चलने वाली हमारी संस्थाएं आर्थिक रूप से दानदाताओं पर ही निर्भर हैं। ‘‘मातृ छाया सेवा आश्रम व मैत्रेयी कन्या गुरुकुल’’ इस क्षेत्र का एकमात्र निःशुल्क वैदिक कन्या गुरुकुल है। इस कन्या गुरुकुल में पूर्णतया आर्ष विद्या प्रणाली से ब्रह्मचारिणियों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है।

गुरुकुल में दोनों समय यज्ञ किया जाता हैं, यहां पर भोजन से लेकर वस्त्र तक कन्याओं की प्रत्येक आवश्यकता मातृवत् पित्रवत् गुरुकुल में ही पूर्ण की जाती है। वर्तमान में गुरुकुल में ३ आचार्या, १ सेविका एवं १ सेवक भी हैं जिनका भरण पोषण भी केवल दान पर ही आश्रित हैं। गुरुकुल में गौशाला भी है जिनका दूध केवल गुरुकुल में उपयोग में लाया जाता है। वर्तमान में गुरुकुल में ४२ ब्रह्मचारिणियां एवं 10 गो माताएं हैं जिनका मासिक खर्च 60 से 70,000 प्रतिमाह है जो कि केवल दानदाताओं के सहयोग से ही चल रहा है।

अतः आपसे विनम्र निवेदन है कि आप अपनी पवित्र कमाई से करोना काल में गुरुकुल को सहयोग कीजिए जिससे वेद विद्या का प्रचार जारी रखा जा सके तथा ऐसी गरीब निराश्रित, होनहार एवं तीव्र बुद्धि वाली कन्याओं के विकास में किसी प्रकार की बाधा न आये। गुरुकुल की कन्याओं को शिक्षित करने के साथ साथ यह सब कन्यायें विदुषी बनकर जीवन के उच्च लक्ष्य को प्राप्त कर सके। इस कार्य को गुरुकुल अपनी पूरी सामथ्र्य व शक्ति से कर रहा है। यह उसकाएक अथक प्रयास है। इस पुण्य कार्य में दान देकर कृपया पुण्य के भागी अवश्य बने।

आप अपना सहयोग नीचे दिए गए खाता नंबर अथवा पेटीएमध् फोनपे में भेज सकते हैं

Paytm number -7906528268

.खाता धारक: वैदिक संस्कृति स्वाभिमान धर्मार्थ ट्रस्ट
बैंक का नाम- केनरा बैंक लक्सर हरिद्वार
खाता संख्या-3551201000333
IFSC code : CNRB0003551

Google pe 7906528268
Phone pe 7906528268
upi- 7906528268

-निवेदक आचार्य डॉ सविता आर्या
संचालक
मैत्रेयी कन्या गुरुकुल व मातृछाया सेवा आश्रम
मुंडाखेड़ा खुर्द लक्सर-हरिद्वार-उत्तराखंड
दूरभाषः 9410962840 एवं 7906528268

हम भी आपसे निवेदन करते हैं कि आप कन्या गुरुकुल का यथाशक्ति सहयोग करें। इससे आपको पुण्य एवं धर्म लाभ अवश्य होगा।

-मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून।

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