क्या बंगाल चुनाव इस बार बदल पायेगा सत्ता

सतीष भारतीय

बंगाल विधानसभा चुनाव में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस ने चुनाव प्रचार अभियान में एड़ी चोटी का जोर लगा दिया लेकिन इस चुनाव अभियान में नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान ममता बनर्जी घायल हो गयीं थी और इसको हमला करार देते हुए उन्होंने उनके पैर कुचलने कोशिश बताया वहीं दूसरी ओर यह सुरक्षा की भी नाकामी थी तथा इस मध्य चुनाव आयोग ने ममता की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार उनके सिक्योरिटी इंचार्ज विवेक सहाय को पद से हटा दिया। मगर ममता बनर्जी को पैर में चोट लगने के उपरांत व्हील चेयर पर ही इस चुनाव का प्रचार करना पड़ा और आखिरकार प्रदेश की 294 विधानसभा सीटों में से पहले चरण में 27 मार्च को 30 विधानसभा सीटों पर गजब की वोटिंग हुई इस चुनाव के प्रथम चरण में 27 मार्च शाम 6 बजे तक 79.79 फीसदी मतदान हुआ। बंगाल का यह चुनाव प्रमुख रूप से तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच माना जा रहा है इस चरण में 73 लाख से अधिक मतदाताओं ने 191 उम्मीदवारों के नसीब का निर्णय किया।

इस चुनाव में नेताओं के प्रथक- प्रथक बयान भी सामने आ रहे हैं जिसमें चुनाव को लेकर बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा “6 साल में बंगाल में पहला चुनाव है जिसमें हिंसा और धांधली की कम घटनाएं हुयीं दूसरे चरण में ऐसी 10 फीसदी भी घटनाएं ना हो उसके लिए हमने चुनाव आयोग से असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई करने की मांग की है और साथ ही चुनाव आयोग की तारीफ करते हुए कहा 90 फीसदी पोलिंग बूथ में शांतिपूर्ण ढंग से वोटिंग हो रही है लेकिन ध्यातव्य है कि इस चुनाव में मुख्यमंत्री ममता चुनाव अभियान के दौरान घायल हो गयीं थी और उन्होंने व्हील चेयर पर चुनाव प्रचार किया।

वहीं नंदीग्राम रोड शो के उपरांत गृहमंत्री अमित शाह ने दावा किया है कि ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट से भारी मार्जिन से चुनाव हारेगी तथा ममता बनर्जी ने अमित शाह पर पलटवार करते हुए कहा कि इस बार दिल्ली वालों को बंगाल के लोग सबक सिखाकर मानेंगे। अब इस चुनाव में गौर करने योग्य यह है कि क्या यह चुनाव सत्ता बदल पाएगा या फिर एक बार बंगाल की बागडोर ममता बनर्जी के हाथ में होगी। लेकिन मस्तिष्क में यह प्रश्न भी प्रजनित होता है कि यदि बंगाल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती है तो राज्य का मुख्यमंत्री कौन बनेगा? इस मुद्दे पर अटकलें मुसलसल जारी हैं और इस बीच राज्य में बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने एक बयान देकर यह संकेत दे दिया है कि सीएम चेहरे के लिए बीजेपी की तलाश पूरी हो चुकी है। उन्होंने कहा है कि बंगाल में अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो मुख्यमंत्री उसे बनाया जाएगा जो चुनाव नहीं लड़ रहा है।

आपको आगाह कर दे कि प्रदेश की 294 विधानसभा सीट पर 27 मार्च से लेकर 29 अप्रैल तक 8 चरणों में चुनाव होंने थे। जिसमें से 27 मार्च को एक चरण का चुनाव संपन्न हो चुका है और अगले 7 चरणों का चुनाव बाकी है जो क्रमशः 1 अप्रैल को दूसरे चरण, 6 अप्रैल को तीसरे चरण, 10 अप्रैल को चौथे चरण, 17 अप्रैल को पांचवें चरण, 22 अप्रैल को छठे चरण, 26 अप्रैल को सातवें चरण और 29 अप्रैल को आठवें चरण के रूप में होगा तथा जिसके लिए मतदान किया जायेगा और इस चुनाव के नतीजे 2 मई को घोषित किए जाएंगे। इस चुनाव का दूसरा फेज एक अप्रैल को होना है तथा इसी फेज में प्रदेश की सबसे बड़ी वीआईपी सीट नंदीग्राम विधानसभा में भी वोटिंग होनी है। नंदीग्राम में ममता बनर्जी का सामना उनके कभी नजदीकी रहे और वर्तमान वक्त में बीजेपी के उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी से है। पश्चिम बंगाल चुनाव में दूसरे चरण में चार जिलों की कुल 30 विधानसभा सीटों पर 1 अप्रैल को मतदान है इनमें 9 सीट पूर्वी मेदिनीपुर जिले की हैं जबकि बांकुरा की 8 सीटों, पश्चिमी मेदिनीपुर की 9 सीटों और साउथ में 24 परगना की 4 सीटों पर चुनाव हैं इस चरण में बंगाल की 30 सीटों पर 171 उम्मीदवार अपना नसीब आजमा रहे हैं। चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक 75,94,549 मतदाता अपने मत का उपयोग कर सकेंगे और इस दूसरे चरण में 10,620 मतदान केंद्रों पर मतदान है।

यदि हम पिछली विधानसभा की स्थिति कि बात करें तो पश्चिम बंगाल में वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने समस्त कयासों को पीछे छोड़कर पूर्ण बहुमत प्राप्त किया था और 294 सदस्यीय विधानसभा में ममता की सरकार को 211 सीटें मिली थीं। कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन को सिर्फ 76 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इनमें कांग्रेस वामदलों से काफी अच्छी स्थिति में रही और उसे 44 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। सीपीएम के खाते में 26 सीटें और सीपीआई के खाते में महज 1 सीट गई थी। एआईएफबी को 2 और आरएसपी को 3 सीटों पर जीत प्राप्त हुई थी।

इस बार के चुनाव में ओपिनियन पोल में फिर ममता सरकार के आने का अनुमान लगाया जा रहा है हालांकि बीजेपी को प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी भी बताया जा रहा है। एबीपी न्यूज और टाइम्स नाउ के सर्वे में बीजेपी को सीटों का शतक लगाते दिखाया जा रहा है। वहीं यह भी माना जा रहा है कि इस बार टीएमसी 150-170 सीटें जीत सकती है तथा कांग्रेस गठबंधन का हाल इस बार भी निकृष्ट ही रहने वाला है। इस बार गठबंधन को 23-31 सीटें मिलने के संकेत है। अब देखना यह कि इस चुनाव में मोदी सरकार बाजी मारती है या फिर ममता बनर्जी फिर से पश्चिम बंगाल कि सत्ता पर काबिज होगीं। इसके साथ आपको बता दें कि इस चुनाव के परिणाम 2 मई को आने है जिससे इसका स्पष्टीकरण होगा कि बंगाल में किस पार्टी की सरकार बनेगी तथा बंगाल के भविष्य की बागडोर किसके हाथ में होगी।

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