बहू अर्पणा ने रामभक्तो के हत्यारे मुलायम,अखिलेश को कोसा
भगवान राम में दिखाई आस्था / 11 लाख का दिया दान
…. आचार्य श्री विष्णु गुप्त
मुलायम सिंह यादव की बहू अर्पणा यादव ने अप्रत्यक्ष तौर पर खुलकर बोली कि भगवान श्रीराम के खिलाफ अपने परिवार की करतूतों के लिए वह किसी भी स्थिति में जिम्मेदार नहीं हैं। अर्पणा यादव का सीधा निशाना अपने ससुर मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव पर साधा । अर्पणा यादव समय समय पर हिंदुत्व के प्रति गहरी आस्था व्यक्त करती रही हैं। श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए अर्पणा ने 11 लाख की निधि समर्पित की है।
…….. मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव का परिवार राम मन्दिर का किस प्रकार विरोधी रहा है, यह भी जगजाहिर है। मुलायम सिंह यादव ने अयोध्या में कारसेवकों पर गोलियां चलवाई थी। दर्जनों कारसेवक और साधु संत पुलिस की गोलियों से मेरे गए थे। अयोध्या की गालियां कारसेवकों और साधु संतो के खून से लाल हो गई थी। कोलकाता के दो कोठारी भाई जो कारसेवक थे और किशोर थे को भी घेर कर मार दिया गया था। मुलायम सिंह यादव द्वारा चलवाई गई गोली में कितने कारसेवक और साधु संत मेरे गए थे उसकी कोई गिनती नहीं है। पुलिस ने शवो को चुपचाप ठिकाने लगा दिया था। कहा जाता हैं कि सैकड़ों साधु संत मारे गए थे।
……… मुलायम सिंह यादव ने पुलिस को राम कारसेवकों और साधु संतो को सबक सिखाने का सख्त आदेश दिया था। पुलिस मुलायम सिंह यादव के आदेश को मानने के लिए बाध्य थी। अगर पुलिस आदेश की अवहेलना करती तो फिर पुलिस को मुलायम सिंह यादव सरकार के क्रोध का सामना करना पड़ता। इसीलिए पुलिस हिंसक, अमानवीय, बर्बर बन थी।
……. मूल्ला मुलायम के नाम से उस समय मुलायम सिंह यादव कुख्यात था। मुस्लिम परस्ती उस पर हावी थीं। मुसलमानों को खुश करने के लिए मुलायम सिंह यादव कुछ भी करने के लिए तैयार रहता था, यहां तक कि उसे रामभक्तो का खून कराने से भी परहेज नहीं था। यादव और मुसलमान समीकरण उसकी सत्ता की नीति थी। इसी कारण भारत माता को डायन कहने वाला आजम खान आइकॉन बन गया था मुलायम का। उस काल में मुलायम सरेआम कहता था कि मैंने रामभक्तो और साधु संतो की हत्या कराकर बाबरी मस्जिद बचाई है। जबतक मुलायम सिंह यादव जिंदा है तब तक हिन्दू कभी भी मुसलमानों की ओर आंख उठाकर देखने की हिम्मत नहीं करेगा , जो भी बाबरी मस्जिद की ओर आंख उठाकर देखा तो उसका हस्र हिंसक होगा। यही कारण मुस्लिम मुलायम सिंह यादव को वोट दिया करते थे।
…….. बाप के नक्शे कदम पर मुलायम सिंह यादव का बेटा अखिलेश यादव भी चला। अपने शासन काल में कई बार अयोध्या में राम मंदिर आंदोलन को कुचला, रामभक्तो को अपमानित किया। अखिलेश यादव ने भी कहा था कि वह राम मंदिर नहीं बनने देंगे। अब भव्य मन्दिर बन रहा है तो फिर अखिलेश यादव चन्दा को लेकर अपमानजनक बात कर रहा है। सत्ता चली गई पर ऐठन गया नहीं।
……. हिंदुत्व का समय चक्र बदला। नरेंद्र मोदी का उदय हुआ। देश के सिहासन पर कोई साढ़े आठ सौ साल बाद कोई हिन्दू बैठा। इसका सुखद अनुभव होने लगा। ईसाई और मुस्लिम राहुल गांधी और प्रियंका गांधी मन्दिर मन्दिर घूमने लगे, मिया फिरोज का पोता राहुल गांधी आपने आप को ब्राह्मण कहने लगा। फारुख अब्दुल्ला आपने आप को हिन्दू कहने के लिए बाध्य हुआ। अब मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव अपने परिवार में ही भगवान राम को लेकर निशाने पर है। एक बार फिर से 2024 में मोदी सत्ता में आ जाए तो फिर वीर सावरकर की वह उक्ति कि हिन्दू जग गए तो भारत के सभी हिन्दू विरोधी नेता कोर्ट पैंट पर टाई की जगह जनेऊ धारण करेंगे। हमारी एकता और जागरूक अनिवार्य है।
Acharya Vishnu Gupt
Date 21/ 2 / 2021
New Delhi
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