15 जनवरी से हो रहा है नए संसद भवन का निर्माण कार्य आरंभ

 

एजेंसी,नई दिल्ली।सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत नए संसद भवन का निर्माण कार्य 15 जनवरी से शुरू होना है। सूत्रों ने बताया कि मकर संक्रांति के अगले दिन को ऐसी परियोजनाओं की शुरुआत के लिए शुभ मुहुर्त माना जाता है। इस सप्ताह की शुरुआत में 14 सदस्यीय विरासत पैनल ने सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजना के तहत नए संसद भवन के निर्माण को मंजूरी दी थी।


आधिकारिक सूत्रों ने बताया,‘केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने टाटा प्रोजेक्टस लिमिटेड से 15 जनवरी से नए संसद भवन का निर्माण कार्य शुरू करने को कहा है। मकर संक्रांति के अगले दिन को ऐसी परियोजनाएं शुरू करने के लिए शुभ मुहुर्त माना जाता है।’ नए भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जाना है।
सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत नए त्रिभुजाकार संसद भवन और साझा केन्द्रीय सचिवालय का निर्माण, राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर लंबे राजपथ का पुनर्विकास, नए प्रधानमंत्री आवास और कार्यालय का निर्माण और उपराष्ट्रपति के लिए नए एन्क्लेव का निर्माण शामिल है। सूत्रों ने कहा कि सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम शुरू करने के लिए टाटा प्रोजेक्टस ने मशीन आदि एकत्र करना शुरू कर दिया है।
विरासत संरक्षण समिति ने सोमवार को नई संसद भवन परियोजना को मंजूरी दे दी। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र सरकार से कहा था कि वह निर्माण कार्य शुरू करने से पहले समिति और अन्य संबंधित प्राधिकरणों से इसके लिए मंजूरी प्राप्त करें। योजना के अनुसार, राजपथ के पुनर्विकास का कार्य गणतंत्र दिवस समारोह के तुरंत बाद शुरू होगा। यह काम 10 महीने में पूरा होने की संभावना है और 2022 में गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन पुनर्विकसित राजपथ पर होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी। उम्मीद है कि इसका निर्माण कार्य 75वें स्वतंत्रता दिवस तक पूरा हो जाएगा। इस पर करीब 971 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है। नए भवन का निर्माण करीब 94 साल पहले बने मौजूदा संसद भवन के सामने होना है। उस वक्त 83 लाख रुपए की लागत से बने इस भवन को संग्रहालय में बदल दिया जाएगा।
नए भवन में लोकसभा और राज्यसभा के लिए हॉल का निर्माण किया जाएगा, जिनकी क्षमता क्रमश: 888 और 384 सीटों की होगी। इनका निर्माण 2026 में होने वाले संसद के सदस्यों में होने वाली वृद्धि को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। लोकसभा हॉल में 1,272 लोगों के बैठने का इंतजाम होगा ताकि संयुक्त सत्र का आयोजन किया जा सके।

 

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