डब्ल्यूएचओ प्रमुख की चेतावनी और भारत की यज्ञ प्रणाली

कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया की व्यवस्था को हिला कर रख दिया है । इसी के चलते दुनिया इस समय तीसरे विश्वयुद्ध की शंका आशंकाओं के गहरे बादलों से भी घिर चुकी है । इसी दौरान डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने भी नई चेतावनी जारी की है । उन्होंने कहा है कि दुनिया के लिए नई महामारी और भी अधिक भयंकर होगी । पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से त्रस्त है। दुनियाभर के देशों की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी है कि दुनिया को अगली महामारी के लिए भी तैयार रहना चाहिए। 

दरअसल, डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस अधनोम ग्रेबेसियस ने सोमवार को कहा कि दुनिया को अगली महामारी के लिए बेहतर तरीके से तैयार होना चाहिए। साथ ही उन्होंने देशों से सार्वजनिक स्वास्थ्य में निवेश करने के लिए आह्वान किया।
चीन के वुहान शहर में दिसंबर 2019 में सामने आए पहले कोरोना वायरस मामले के बाद अब तक दुनिया में 2.7 करोड़ लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। वहीं, दुनियाभर में 8,88,326 लोगों की इस वायरस से मौत हुई है। 
डब्ल्यूएचओ के जेनेवा स्थित मुख्यालय में एक न्यूज ब्रीफिंग के दौरान टेड्रोस ने कहा, यह आखिरी महामारी नहीं होगी। इतिहास ने हमें सिखाया है कि प्रकोप और महामारी जीवन का एक तथ्य है। लेकिन जब अगली महामारी आएगी, तो दुनिया को तैयार होना चाहिए। इस बार की तुलना में अधिक तैयार रहना होगा।
इससे पहले, अगस्त की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को लेकर एक चेतावनी जारी की, जिसमें संगठन ने कहा कि कोरोना वायरस शायद लंबे समय तक के लिए रह सकता है। डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 के छह महीने के मूल्याकंन पर इमरजेंसी कमिटी से मुलाकात के बाद ऐसा कहा। 
डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में कहा कि समिति ने कोविड-19 महामारी की लंबी अवधि के पूर्वानुमान को बताया है। कोरोना वायरस को अस्तित्व में आए हुए सात महीने हो चुके हैं और इस बीच ये समिति चार बार कोरोना वायरस के खतरे के मूल्याकंन को लेकर बैठक कर चुकी है। इस बैठक के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के खतरे को और ज्यादा निर्धारित किया है।  
निश्चय ही इस समय दुनिया को अपने अस्तित्व के लिए गहन मंथन करना चाहिए। दुनिया के लोगों को समझना चाहिए कि विश्व व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाए रखने के लिए उसे भारत की यज्ञ पद्धति के शरण में जाना चाहिए । क्योंकि यज्ञ पूरे संसार को शुद्ध हवा उपलब्ध कराने में सहायक होता है। इसके अतिरिक्त अनेकों बीमारियों के घातक वायरस को ही समाप्त करने की क्षमता यज्ञ के भीतर होती है।

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