जिले में कमिश्नरी राज लागू होने के बावजूद : जल निकासी की समस्या पर नहीं दिया जा रहा है प्रशासन की ओर से ध्यान

दादरी । ( संवाददाता ) यहां स्थित ग्राम दुजाना के रहने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता श्री ऋषिराज नागर का कहना है कि उनके घर के आसपास के घरों के पास का रोड पक्का बन गया है , और कुछ रोड पर कंकड़ रोटी पड़ी हुई है । जबकि उनके घर के पास खस्ता पुराना टूटा हुआ काफी नीचा रास्ता है । जिसमें आसपास की नालियों व बरसात का पानी जमा हो जाता है । जिससे मच्छरों का प्रकोप एवं गंदगी के कारण महामारी के फैलने का भी अंदेशा पैदा हो गया है ।
श्री नागर ने हमें बताया कि वह इस संबंध में अबसे पूर्व कई प्रार्थना पत्र प्रशासनिक अधिकारियों को दे चुके हैं , परंतु किसी पर भी कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय विधायक श्री तेजपाल सिंह नागर को उन्होंने अपना प्रार्थना पत्र पिछले वर्ष 16 अक्टूबर को दिया था। जिस पर विधायक श्री नागर ने अपनी ओर से संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर के लिए पत्र लिखा था कि जनहित को दृष्टिगत रखते हुए मेरे प्रार्थना पत्र के अनुसार नाली निर्माण कराने का कष्ट करें । परंतु प्रशासन पर विधायक श्री नागर के प्रार्थना पत्र का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ा और तब से ही यह मामला ज्यों का त्यों लटका पड़ा है । अब कोरोना जैसी बीमारी के समय मेरा व मोहल्ले के अन्य लोगों के लिए उक्त स्थान से निकलना भी मुश्किल हो गया है । आगे बरसात के समय में वहां पर जब बारिश का पानी आकर भरेगा तो एक तालाब जैसी स्थिति गांव के भीतर बन जाएगी । जिससे किसी भी प्रकार की बीमारी के फैलने का खतरा और भी अधिक बढ़ जाएगा।
अधिवक्ता श्री नागर ने बताया कि विगत वर्ष 2 नवंबर को जिला पंचायत राज अधिकारी गौतमबुध नगर द्वारा सहायक विकास अधिकारी पंचायत विकास खंड बिसरख के लिए भी पत्र जारी किया गया था । जिसमें उक्त अधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि उक्त प्रकरण का परीक्षण कर नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें तथा कृत कार्यवाही से अधोहस्ताक्षरी को भी अवगत कराएं , जिसकी सूचना ग्राम प्रधान को भी दे दी गई थी।
यह निर्देश के आधार पर उक्त अधिकारी ने मौका का निरीक्षण भी किया परंतु आगे कोई भी कार्यवाही नहीं की गई।
श्रीनगर का कहना है कि जिले में इस समय कमिश्नर राज लागू है । इससे पहले भी जो स्थिति प्रशासनिक कार्यों की बनी हुई थी वही इस समय भी बनी हुई है। ऐसे अनेकों प्रकरण जिले में लंबित पड़े हैं जहां पर जन समस्या की ओरर ध्यान आकृष्ट कराने के बावजूद भी प्रशासनिक अधिकारी आंखें बंद किए बैठे हैं । ऐसे में नए जिलाधिकारी से ही उम्मीद की एक किरण है कि वह उक्त प्रकरण में हस्तक्षेप कर अपने स्तर से ऐसी समस्याओं का यथा समय निराकरण कराएंगे।

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